- कानपुर और इलाहाबाद की 15 ट्रेनों में शुरू हुआ रक्षक प्रोजेक्ट

- हर ट्रेन में शिकायत का अलग नंबर, इन ट्रेनों के एस्कॉर्ट की भी होगी निगरानी

KANPUR:

अब ट्रेन यात्रियों को लुटने से, महिलाओं को उत्पीड़न से, टीटीई को पिटने से अथवा सीट के लिए मारपीट करने वालों से बचाने के लिए जीआरपी का 'रक्षक' आ गया है। इस योजना को जीआरपी एसपी ने गुरुवार को लांच किया है। देश में अपनी तरह की यह पहली हाईटेक व्यवस्था है। इसमें जीआरपी का एस्कार्ट भी अधिकारियों के राडार पर होगा। अगर उसने जिम्मेदारी से काम नहीं किया तो नौकरी से हाथ धोएगा। अभी योजना कानपुर और इलाहाबाद से चलने या गुजरने वाली 15 ट्रेनों में लागू की गई है।

एस्कार्ट की लोकेशन पर नजर

यात्रियों की शिकायत रहती थी कि ट्रेन में तैनात जीआरपी एस्कार्ट ज्यादातर वसूली में लगा रहता है और जरूरत के समय गायब हो जाता है। ऐसी कई वारदातें हुई हैं। जिसके दौरान एस्कार्ट गायब था। ऐसे में जीआरपी के अधिकारियों के सामने चुनौती थी कि ट्रेन में चल रहे एस्कार्ट की निगरानी कैसे हो। इसके लिए एसपी जीआरपी आरके भारद्वाज ने टेक्निकल एक्सपर्ट की मदद ली और 'रक्षक' प्रोजेक्ट लांच किया। इस योजना के तहत इलाहाबाद और कानपुर से चलने और गुजरने वाली 15 ट्रेनों के लिए 20 मोबाइल नंबर दिए गए हैं। यह नंबर ट्रेन पर चलने वाले एस्कार्ट के पास रहेगा जो सर्वर से कनेक्ट होगा जिसकी निगरानी एसपी जीआरपी और कुछ अन्य अधिकारी करेंगे। हर 15 मिनट में इसकी लोकेशन रिकार्ड होगी और पता चलेगा कि जीआरपी एस्कार्ट के सिपाही कहां-कहां बैठे हैं। इस नंबर पर फोन करने पर जीआरपी एस्कार्ट तुरंत यात्रियों की मदद करेगा। लापरवाही पर निगरानी करने वाले अधिकारी एस्कार्ट पर कार्रवाई करेंगे।

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हर ट्रेन के लिए अलग नंबर

शताब्दी एक्सप्रेस-7570009251 श्रमशक्ति एक्सप्रेस-7570009252 फरक्का एक्सप्रेस-7570009253 प्रयागराज अप-7570009254 प्रयागराज डाउन-7570009255 पुरुषोत्तम अप-7570009258 पुरुषोत्तम डाउन-7570009259

मूरी एक्सप्रेस-7570009260 शिवगंगा अप-7570009261

शिवगंगा डाउन-7570009262 मरुधर एक्सप्रेस-7570009263

विक्रमशिला अप-7570009265 विक्रमशिला डाउन-7570009266 संपूर्ण क्रांति अप-7570009267 संपूर्ण क्रांति डाउन-7570009268 -

'अगर ट्रेन में सुरक्षाकर्मी रहेगा तो यात्री सुरक्षित रहेगा। इस योजना का मकसद है कि लापरवाह एस्कार्ट पर लगाम कसी जाए। साथ ही यात्रियों की मदद हो और ट्रेन में अपराध रुके। इन नंबरों को ट्रेनों में चस्पा किया जाएगा। जिससे जरूरत पड़ने पर यात्री मदद मांग सके.'

-आरके भारद्वाज, एसपी जीआरपी