रमजान के पूरा महीना रोजेदारों खिदमत में गुजारते हैं

कोई जागकर करता है सहरी का ऐलान तो कोई बांटता है इफ्तार

<रमजान के पूरा महीना रोजेदारों खिदमत में गुजारते हैं

कोई जागकर करता है सहरी का ऐलान तो कोई बांटता है इफ्तार

BAREILLYBAREILLY: रमजान पाक महीना इबादतों का है। इस महीने में की गई हर इबादत का सवाब (पुण्य) आम दिनों के मुकाबले ज्यादा बढ़ जाता है। ऐसे में अल्लाह की इबादत में हर कोई मसरूफ रहता है। वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं। जो अल्लाह की इबादत के साथ-साथ उसके बंदों की खिदमत में भी पूरी शिद्दत के साथ लगे हुए हैं। कोई रात भर जग कर सहरी का ऐलान करता है तो कोई इफ्तार तक्सीम कर रहा है।

अल्लाह देगा इसका ईनाम

रोजेदारों की खिदमत करने वाले सभी लोग बिना किसी फायदे के पूरी शिद्दत के साथ रोजेदारों की खिदमत में लगे हुए हैं। उनका कहना है कि उनकी इस खिदमत का ईनाम उन्हें अल्लाह देगा। उन्हें ऐसा करने से दिली सुकून मिलता है। इसके साथ ही उन्हें खुशी भी मिलती है।

फ्भ् वर्ष से कर रहे ऐलान

जामा मस्जिद निवासी जाहिद रजा का कहना है कि वह करीब फ्भ् वर्ष से जामा मस्जिद से सहरी का ऐलान करते हैं। वह अब तक हर मौसम जाड़ा, गर्मी और बरसात में ऐलान कर चुके हैं। वह इन दिनों रात में करीब डेढ़ बजे मस्जिद में आ जाते हैं और फिर ऐलान करना शुरू कर देते हैं।

सहरी-इफ्तार का बताते हैं वक्त

टीटीएस के सदस्य परवेज खां नूरी सहरी और इफ्तार के वक्त मस्जिद में लगा सायरन ऑन करते हैं, ताकि सभी को पता चल जाए कि सहरी वक्त खत्म और इफ्तार का हो गया है। वह हर काम को छोड़कर दोनों ही वक्त मस्जिद में मौजूद रहते हैं।

बंद ही नहीं करते होटल

मो। जुबैर खां का जामा मस्जिद के पास खाने का होटल है। बरेली में रहने वाले बाहर के रोजेदारों को किसी तरह की दिक्कत न हो इसलिए वह पूरे रमजान होटल एक मिनट के लिए भी बंद नहीं करते हैं। लोगों को वाजिब रेट पर सहरी और इफ्तार देते हैं

नहीं होने देते कोई परेशानी

किला रहने वाले अली खुद भी रोजा रहते हैं लेकिन उन्हें रोजेदारों की ज्यादा फिक्र होती है। मस्जिद में हर दिन अलग-अलग लोग इफ्तार का ऐहतमाम करते हैं लेकिन अली उनके इंतजाम में अगुवा होते हैं। रोजेदारों को इफ्तार बांटने की पूरी जिम्मेदारी उनके कंधों पर है।

खिदमत से इन्हें मिलती है खुशी

कंघीटोला निवासी जमाल का कहना कै कि उन्हें रोजेदारों की खिदमत करने में खुशी मिलती है। वह शिया जामा मस्जिद में हर रोज शाम इफ्तार का इंतजाम कराने में मदद करते हैं। ताकि रोजेदारों को परेशानी न हो।