मस्जिदों में आज पढ़ी जायेगी अलविदा की नमाज, तैयारियां पूरी

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ङ्कन्क्त्रन्हृन्स्ढ्ढ : पूरे महीने अकीदतमंदों को अल्लाह के नजदीक रखने वाला पवित्र माह रमजान खत्म होने वाला है। शुक्रवार को अलविदा की नमाज के बाद रोजेदार ईद के चांद का इंतजार करेंगे और चांद दिखते ही गले मिलकर एक दूसरे को ईद की बधाईयां देकर पूरे माह रखे रोजे को सफल मानेंगे। इसे लेकर शहर में तैयारियों जोर शोर से चल रही है। शहर की मस्जिदों में होने वाली अलविदा की नमाज को लेकर प्रशासनिक तैयारियों भी पूरी हो चुकी है। बस इंतजार है शुक्रवार को होने वाली अलविदा की नमाज का।

सुरक्षा रहेगी तगड़ी

शुक्रवार को शहर की अलग अलग मस्जिदों स्पेशली ज्ञानवापी मस्जिद, मस्जिद दायम खां पुलिस लाइन, नदेसर मस्जिद, तेलियाबाग मस्जिद, मस्जिद लंगड़ा हाफिज, ईदगाह, लाट सरैंया, लाटशाही समेत दूसरी मस्जिदों में दोपहर 12.30 बजे से लेकर 3.30 बजे तक अलविदा की नमाज अदा की जायेगी। इसके लिए सुरक्षा के तगड़े इंतजाम किए गए हैं। एसएसपी जोगेन्द्र कुमार के मुताबिक अलविदा की नमाज के लिए हर मस्जिद के आस पास लोकल पुलिस, पीएसी और आरएएफ तैनात रहेगी। इसके अलावा मेन मस्जिदों में बम और डॉग स्क्वायड मौजूद रहेंगे।

ये है डायवर्जन प्लैन

- गाजीपुर की तरफ से आने वाले वाहनों को आशापुर से पाण्डेयपुर की ओर मोड़ दिया जायेगा

- ये वाहन पाण्डेयपुर पुलिस लाइन तिराहे से चौकाघाट होते हुए शहर में एंट्री करेंगे

- जीटी रोड से लाट भैरव होकर आशापुर की तरफ जाने वाले सभी वाहन कज्जाकपुरा रेलवे क्रॉसिंग से चौकाघाट मोड़ दिए जायेंगे

- गोदौलिया से मैदागिन की ओर किसी भी प्रकार के वाहन नहीं जाने दिए जायेंगे

- यह प्रतिबंध मैदागिन और गोदौलिया जाने वाले वाहनों पर भी लागू रहेगा

- नई सड़क से दालमंडी की ओर किसी भी प्रकार का वाहन नहीं जायेगा

- कैंट रेलवे स्टेशन से काशी विद्यापीठ होते हुए रथयात्रा की ओर जाने वाले वाहनों को इंग्लिशियालाइन, मलदहिया होते हुए साजन तिराहा भेजा जायेगा

गुनाहों को बख्शने का सबब बनते हैं आंसू

एक महीने तक रोजा रखकर अल्लाह के नजदीक रहने की कोशिश में जुटे रोजेदारों के लिए अलविदा की नमाज उनको गमजदा कर जाती है। गमजदा इसलिए क्योंकि पूरे एक माह तक रोजा रखने के बाद रोजेदार खुद को खुशनसीब समझता है। इस बारे में शिया जामा मस्जिद के प्रवक्ता सैय्यद फरमान हैदर का कहना है कि शुरु में रोजा रखने में परेशानी होती है लेकिन जैसे जैसे दिन बीतते हैं वैसे वैसे इसमे मजा आने लगता है और मजा आने वाले चीज को छोड़ने में तकलीफ तो होती है।