शहर की सभी रामलीला कमेटियों में रामलीला के मंचन का शुभारम्भ

कमेटियों में अलग-अलग प्रसंगों में दिखी रामायण की महिमा

ALLAHABAD: भगवान श्री राम का चरित्र और उनका जीवन दर्शन सभी के लिए अनुकरणीय है। आम लोगों तक प्रभु द्वारा दिए गए संदेश को पहुंचाने और उससे प्रेरणा लेकर आत्मसात करने के लिए आयोजित होने वाली रामलीला का शनिवार से शुभारम्भ हो गया। शहर की सभी रामलीला कमेटियों में शुरू हुई रामलीला में पहले दिन अलग-अलग प्रसंगों का मंचन किया गया। अपनी परम्परा के अनुसार कमेटियों की ओर से रामलीला के मंचन में कथा की शुरुआत हुई।

कटरा में रावण का जन्म

श्री कटरा रामलीला कमेटी की ओर से शनिवार से शुरू हुई रामलीला का उद्घाटन मंडलायुक्त राजन शुक्ला द्वारा दीप प्रज्जवलन और नारियल तोड़कर किया गया। पहले दिन की रामलीला की शुरुआत रावण जन्म से हुआ। इसके बाद कुंभकर्ण, मेघनाथ द्वारा तपस्या व अन्य रोचक दृश्य को बेहद प्रभावशाली ढंग से मंचित किया गया। कमेटी की ओर से इस बार रामलीला के बड़े स्तर पर आयोजन को लेकर तीन स्टोरी में मंच तैयार किया गया है। रामलीला की शुरुआत के पहले दिन भी अलग-अलग प्रसंगों को मंच पर पूरी भव्यता के साथ प्रस्तुत किया गया। जिसे दर्शकों ने खूब सराहा। इस अवसर पर कमेटी के अध्यक्ष गोपाल बाबू जायसवाल, मोहन लाल अग्रवाल, मयंक अग्रवाल, सुधीर कुमार गुप्ता, विनोद चाचा समेत अन्य लोग मौजूद रहे। इसके पहले शाम सात बजे मुनि भारद्वाज आश्रम से पूरे सजधज के साथ दशहरा प्रबंधक राकेश चौरसिया के आरती पूजन के बाद भगवान की शोभा यात्रा निकली। भगवान की सवारी आश्रम से निकल कर कर्नलगंज चौराहा, थाना चौराहा, तिनमुहानी, कटरा, नेतराम चौराहा, पानी की टंकी, एएसएसपी कार्यालय से पुन: कटरा चौराहा से मुड़कर मनमोहन पार्क, यूनिवर्सिटी रोड, कर्नलगंज सब्जीमंडी होते हुए रात्रि में श्री कटरा रामलीला परेड मैदान पर समाप्त हुआ।

पथरचट्टी में नारद को मोह

शहर की प्राचीन रामलीला कमेटियों में शुमार श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी रामलीला के मंचन की शुरुआत नारद मोह से हुआ। प्रसंग के मंचन की शुरुआत नारद द्वारा कामदेव को परास्त करके चेहरे पर दंभ भरते हुए कैलाश पहुंचने, वहां भगवान शिव से अपनी विजय गाथा का बखान करते हुए क्षीर सागर पहुंचते है। जहां भगवान श्री हरि को अपने अहम का बखान करते है। भगवान द्वारा नारद जी का मोह भंग करने की कथा को मंच पर सजीव तरीके से मंचित किया गया। नारद द्वारा क्रोधित होकर श्री हरि को श्राप देने की कथा को रोचक ढंग से प्रस्तुत किया गया। रामलीला देखने पहुंचे दर्शकों ने भी पूरी लीला के मंचन को खूब सराहा। इसके पहले कथा रामराज की शुरुआत मुख्य अतिथि जस्टिस सुधीर नारायण व जस्टिस उमाशंकर त्रिपाठी द्वारा किया गया। इस अवसर पर मंडलायुक्त राजन शुक्ला, प्रदेश सरकार में दर्जा प्राप्त राज्यमंत्री श्रीप्रकाश राय और इंदु प्रकाश मिश्रा, डायरेक्टर एनसीजेडसीसी गौरव कृष्ण बंसल समेत अन्य अतिथि मौजूद रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष पं। मुकेश पाठक ने की और संचालन मीडिया प्रभारी लल्लू लाल गुप्ता सौरभ ने की।

दारागंज में वनगमन व केवट मिलन

श्री दारागंज रामलीला कमेटी की ओर से चल रही रामलीला में शनिवार को रामायण के दो प्रमुख प्रसंगों का मंचन किया गया। सबसे पहले भगवान की सवारी श्रृंगार भवन से उठकर बक्सी त्रिमुहानी पर सत्य नारायण पाठक के आवास पर पहुंची। वहां पर आरती पूजन के बाद बक्सी बांध से भगवान की सवारी बाघम्बरी मठ पहुंची। वहां पर निषाद मिलन की लीला का मंचन किया गया। इसके बाद भगवान की सवारी अलोपीबाग, पंजाबी कालोनी पहंची। यहां पर इमली के पेड़ के नीचे इमली चखने की लीला कर वापस जीटी रोड होते हुए निराला मार्ग से श्रृंगार भवन पहुंचकर समाप्त हुई।

अल्लापुर में रामलीला प्रारंभ

बाघम्बरी क्षेत्र श्री रामलीला कमेटी अल्लापुर की ओर से 14 दिवसीय रामलीला कार्यक्रम की शुरुआत अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष मठ बाघम्बरी गद्दी के श्री महंत नरेन्द्र गिरी जी द्वारा अग्र पूजित भगवान गणेश की पूजा के बाद शोभा यात्रा के उद्घाटन से हुई। गणेश जी की शोभा यात्रा हाथी, घोड़ा, पताके, बैंड और आकर्षक लाइट के समावेश के साथ निकली। शोभायात्रा रामलीला पार्क से मटियारारोड, नया गांव से बाघम्बरी रोड होते हुए वापस रामलीला पार्क पहुंचकर सम्पन्न हुई। तुलसी मंच पर वैदिक आचार्यो द्वारा कमेटी के पदाधिकारियों ने पूजन किया। इसे बाद सांस्कृतिक व लोक संगीत पर आधारित कार्यक्रम की प्रस्तुति हुई।

पजावा में हुआ राम का जन्म

श्री महंत बाबा हाथीराम पजावा रामलीला कमेटी की ओर से राम जन्म से लीला के मंचन की शुरुआत हुई। ध्वनि व प्रकाश के जरिए भगवान के जन्म की कथा को बेहद ही खूबसूरत तरीके से मंचित किया गया। इस अवसर पर रामजन्म से अहिल्या उद्धार तक की लीला मंचित हुई। इसके पहले भगवान की श्रृंगार सवारी पूरी भव्यता के साथ शाहगंज स्थित राम मंदिर से निकली। इस दौरान शोभायात्रा अपने पूर्व निर्धारित मार्ग शाहगंज, घंटाघर, लालडिग्गी, कोतवाली, रानीमंडी से होते हुए अतरसुईया रामलीला मैदान पहुंची। उसके बाद लीला का मंचन प्रारम्भ हुआ।