RANCHI : 1100 अखाड़े, 1.25 लाख महावीरी झंडे और 1.50 लाख श्रद्धालुओं का जनसैलाब जब सड़कों पर उतरा तो रामनवमी की शोभायात्रा का विहंगम नजारा देखते ही बन रहा था। शनिवार को दोपहर दो बजे से रात आठ बजे तक सड़कों पर सिर्फ और सिर्फ रामनवमी की छटा दिख रही थी। हर तरफ राम नाम की धुन और जय श्री राम और जय-जय हनुमान के नारे ही गूंज रहे थे। रामनवमी के छह घंटे का यह जुलूस अपने आप में अदभुत था। महिला, बच्चे, बुजुर्ग और जवान, हर कोई इस विशाल जुलूस का गवाह बना। श्रद्धालुओं के उमंग, उत्साह और जोश से रामनवमी की महिमा का सहज ही अहसास हो रहा था।

मंदिरों की विशेष सजावट

रामनवमी को लेकर मंदिरों की विशेष सजावट की गई थी। मेन रोड स्थित हनुमान मंदिर, तपोवन मंदिर, हिनू हनुमान मंदिर, चुटिया राम मंदिर हनुमान मंदिर लालपुर और हनुमान मंदिर कोकर में सुबह से ही पूजा-अर्चना के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा रहा। इन मंदिरों में जहां महावीरी पताके लहरा रहे थे, वहीं आकर्षक विद्युत सज्जा बरबस ही हर किसी को अपनी ओर अट्रैक्ट कर रही थी।

शोभायात्रा के लिए विशेष इंतजाम

श्री महावीर मंडल रांची के तत्वावधान में मुख्य शोभायात्रा दोपहर दो बजे निकली। शोभायात्रा को सफल बनाने के लिए सात क्षेत्रों में बीस टोलियां बनाई गई थी। मुख्य शोभायात्रा पंडरा व बजरा से निकलकर पिस्का मोड़ और रातू रोड होते हुए महावीर चौक पहुंची। इसके बाद शहर के विभिन्न इलाकों के तमाम अखाड़े अल्बर्ट एक्का चौक के पास मुख्य शोभायात्रा में शामिल हो गए। यहां से सर्जना चौक और काली मंदिर चौक होते हुए शोभायात्रा तपोवन मंदिर पहुंची, जहां पूरे विधि-विधान के साथ महावीरी पताके भगवान श्री राम के चरणों में अर्पित किए गए।

रिमझिम ने भी किया स्वागत

शोभायात्रा का उत्साह परवान पर था, उसी दौरान रिमझिम बारिश से श्रद्धालुओं का जोश और उमंग चरम पर पहुंच गया। रामभक्तों को शायद ऐसे ही मौसम का इंतजार था। सुहाने मौसम में रामनवमी की शोभायात्रा में शामिल लाखों श्रद्धालु घंटों तक नाचते-गाते रहे।