बुराई की जिंदगी को करेंगे त्याग
शुक्रवार को कांके रोड स्िथत पुलिस लाइन में उग्रवादियों और पुलिस के बीच यही नजारा देखा गया. पुलिस के सामने सरेंडर किये हुये 35 उग्रवादी हॉल में बैठे थे. पुलिस अधिकारी एक-एक करके सभी की पेशी ले रहे थे. तभी एक पूर्व उग्रवादी ने बुलंद आवाज में कहा,'बुराई की जिंदगी देख ली, अब उसका त्याग कर दिया है. एक बार हाथ में बंदूक देकर देखिये, सारे उग्रवादियों का सफाया कर देंगे.' आपको बता दें कि वहां पर मौजूद 10 उग्रवादी ऐसे थे, जिनकी पुलिस में नियुक्ति के लिये प्रपोजल पहले ही जा चुका है. अब सिर्फ उनका वेरीफिकेशन किया जा रहा था. इस मौके पर डीआईजी प्रवीण कुमार तथा अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे.

महिला उग्रवाद बनी थी सिपाही

आपको बता दें कि इससे पहले कभी उग्रवादी रही सुलोचना और उसकी एक सहेली को पुलिस सेवा में बहाल किया जा चुका है. एक समय सुलोचना काफी खूंखार उग्रवादी समझी जाती थी. इसके बाद में उसने अपनी एक सहेली के साथ पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया था. मौजूदा समय में दोनों पुलिस सेवा में कार्यरत हैं.

कानूनी तरीके से नियुक्ति
रांची के सीनियर एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि सरेंडर पॉलिसी के तहत पूर्व उग्रवादियों को पुलिस सेवा में बहाल किया जा रहा है. पहले चरण में सरेंडर करने वाले उग्रवादियों को सहायता के तौर पर राशि दी जाती है. सरेंडर करने पहुंचे लोगों से स्वेच्छा से सरेंडर और मुख्य धारा में बने रहने का अश्वासन लिया जाता है. स्वीकृत राशि का तिहाई उन्हें उस समय प्रदान किया जाता है. पुलिस इन पर नजर रखती है कि कहीं से उग्रवादियों से फिर मेल-जोल तो नहीं बढ़ा रहे. इसके बाद इन्हें वेरिफिकेशन के लिये बुलाया जाता है.

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