डिस्पोजेबल व पैकिंग मटेरियल्स के व्यवसायियों को नगर आयुक्त ने दिया अल्टीमेटम

विरोध में बंद रहीं दुकानें संघ ने कहा, व्यवसाय बदलने के लिए चाहिए तीन माह का समय

RANCHI (17 Nov) : राज्य सरकार द्वारा प्लास्टिक कैरी बैग्स पर पूरी तरीके से रोक लगाने के बाद दुकानदारों पर कार्रवाई शुरू हो चुकी है। गुरुवार की शाम से लेकर शुक्रवार को भी दिन भर कई दुकानों में पॉली बैग्स की खोजबीन में कई दुकानों में छापेमारी हुई और पॉलीथिन बैग पाये जाने पर कार्रवाई भी हुई। इस बीच रांची के नगर आयुक्त डॉ शांतनु कुमार अग्रहरि ने सभी दुकानदारों से अपने माल को क्0 दिनों के भीतर राज्य से बाहर भेजने या फैक्ट्रियों को लौटाने का अल्टीमेटम दे दिया है। शुक्रवार को झारखंड डिस्पोजेबल व पैकिंग मटेरियल्स व्यवसायी संघ ने नगर आयुक्त से मुलाकात की, तो उन्होंने साफ कह दिया कि झारखंड में प्लास्टिक कैरी बैग पूरी तरह से प्रतिबंधित है और इसे बेचते हुए या उपयोग करते हुए जो भी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

संभव नहीं पुराने स्टॉक का निपटारा

इधर विक्रेताओं का कहना है भ्0 माइक्रोन से ज्यादा मोटाई की प्लास्टिक थैली सुप्रीम कोर्ट द्वारा भी मान्य है तथा विभिन्न राज्य सरकारों द्वारा इसे बंद कर दिए जाने के बाद भी वापस भ्0 माइक्रोन लागू करने को विवश होना पड़ा है। सुप्रीम कोर्ट ने भी पिछले हफ्ते इस मामले में एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए भ्0 माइक्रोन से ज्यादा मोटाई की प्लास्टिक को मान्यता प्रदान की है, फिर भी झारखंड सरकार की मंशा यदि प्लास्टिक को पूरी तरह से प्रतिबंधित करने की की है, तो भी नगर आयुक्त द्वारा दी गई कि क्0 दिन की अवधि में पुराने स्टॉक का निपटारा करना असंभव है। व्यवसायी प्लास्टिक कैरी बैग्स पर प्रतिबंध का समर्थन कर रहे हैं, लेकिन उनका कहना है कि व्यवसाय पूरी तरह से बदलने के लिए उन्हें फ् महीने का समय चाहिए।

कार्रवाई से रोष भी है और भय भी

नगर निगम की क्क् टीमों ने कई दुकानों में छापेमारी की, तो व्यवसायी भयभीत हो गए। उनमें रोष भी है, क्योंकि उनके अनुसार निगम की टीम उन उत्पादों को भी प्लास्टिक कैरी बैग मान कर कार्रवाई कर रही है, जिन्हें प्रतिबंध से बाहर रखा गया है। टीम पैकिंग प्लास्टिक रखने पर भी जुर्माना लगा रही है, जिस पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया है। संघ का कहना है कि सरकार को प्लास्टिक कैरी बैग्स पर प्रतिबंध को लेकर स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए, ताकि व्यवसायियों का भयादोहन न हो सके

कोट

व्यवसायियों ने कपड़े के थैले और कागज के ठोंगे भी मंगाने शुरू कर दिए हैं। यह परिवर्तन राजधानी में देखा भी जा सकता है। इसे देखते हुए सरकार सभी विक्रेताओं की समस्याओं पर सहानुभूति पूर्वक विचार करे।

संजय कुमार जैन, अध्यक्ष

व्यापार चेंज करने के लिए भी कम से कम म् महीने की आवश्यकता है, इसलिए इस प्रकरण में सरकार से यह मांग है कि समय अवधि कम से कम तीन महीने तक बढ़ा दी जाए। इससे व्यवसायियों को थोड़ी सहूलियत होगी।

राजीव थेपड़ा, सचिव