RANCHI: स्लॉटर हाउस(वधशाला) को ढूंढने पर भी चलानेवाला नहीं मिल रहा। नतीजन बनकर तैयार होने के बावजूद यह ऑपरेशनल नहीं हो पा रहा है। रांची नगर निगम की मेयर आशा लकड़ा ने बताया कि पांच-छह महीने पहले इसके संचालन के लिए टेंडर निकाला गया था, पर कोई नहीं आया। लेकिन हमने उम्मीदें नहीं छोड़ी है। जैसे ही कोई चलानेवाला मिलेगा इसे ऑपरेशनल किया जाएगा।

जून में ही होना था स्टार्ट

कांके के अरसंडे स्थित नगर निगम की स्लॉटर हाउस जून में ही ऑपरेशनल होना था। लेकिन कोई ऑपरेटर नहीं मिलने के कारण मामला खटाई में पड़ गया। इस स्लॉटर हाउस में प्रतिदिन 1000 बकरों और भेड़ों के वध की क्षमता है। रांची नगर निगम के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर बीके भगत ने बताया कि इसके लिए चार बार टेंडर हो चुका है। पर कोई नहीं आया। इसे चलाने के लिए शर्तो में बदलाव किया गया है। जो ऑपरेटर इसे चलाने को तैयार होगा उसे हम दो साल तक बिना लीज रेंट के यह स्लॉटर हाउस देंगे। डेढ़ साल के बाद इसकी समीक्षा होगी और उसके बाद नई दरें तय की जाएंगी। इस स्लॉटर हाउस का मेंटेनेंस कॉस्ट ही दस से बारह लाख प्रतिमाह है। ऑपरेटर को यह खर्च खुद वहन करना होगा।

2012 में शुरू हुआ था निर्माण (बॉक्स)

कांके स्थित नगर निगम की स्लॉटर हाउस का निर्माण वर्ष 2012 में शुरू हुआ था। इसके लिए राशि स्टेट अर्बन डेवलपमेंट डिपार्टमेंट और यूनियन मिनिस्ट्री ऑफ फूड प्रोसेसिंग ने उपलब्ध कराई गई थी। इसमें मॉडर्न लैब, फ्रीजर, स्टोर रूम और एनिमल वेस्ट रिसायकल करने की यूनिट भी लगी हुई है। अत्याधुनिक मशीनों से सुसज्जित इस स्लॉटर हाउस का निर्माण केके नरसरिया की एजेंसी ने किया है। यहां झटका और हलाल दोनों तरीके से पशुओं का कत्ल होगा और उनका मीट मिलेगा।

क्यों कोई एजेंसी नहीं आ रही आगे (बॉक्स)

रांची नगर निगम की इस स्लॉटर हाउस के संचालन में कई दिक्कतें हैं, जिनकी वजह से प्राइवेट ऑपरेटर इसे चलाना नहीं चाहते। ऑपरेटर को यह डर सता रहा है कि शहर में जिस तरह से खुले में मांस की बिक्री हो रही है वैसे में कोई भी व्यक्ति इस स्लॉटर हाउस से मांस नहीं खरीदेगा। इस स्लॉटर हाउस का स्थानीय लोग विरोध भी कर रहे हैं यदि उनका विरोध फिर शुरू हुआ तो उनका पैसा फंस जाएगा।

वर्जन

छह महीने पहले ही स्लॉटर हाउस के संचालन के लिए टेंडर निकला था पर कोई ऑपरेटर नहीं आया। जैसे ही कोई ऑपरेटर मिलेगा इसे शुरु कर दिया जाएगा।

-आशा लकड़ा, मेयर, रांची नगर निगम