RANCHI: नगर निगम डोर टू डोर कचरे का संग्रह करने में नाकाम हो रहा है। निगम की ओर से पहले चरण में 22 वार्डो में कचरे का उठाव किया जा रहा था, जिसका बाद इसका दायरा बढ़ा दिया गया। आंकड़ों की नजर में संसाधनों का निगम के पास कोई टोटा नहीं है। कचरे का नियमित उठाव नहीं होने से मोहल्ले के लोगों में काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि वार्ड के सुपरवाइजर फोन रिसीव नहीं करते हैं अगर कर लेते हैं तो अगले दिन आने की बात करते हैं। इसे लेकर कई बार शिकायत भी निगम के टॉल फ्री नंबर की की गई, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।

संसाधनों की कमी नहीं पर सफाई का रोना

नगर निगम के पास शहर की साफ सफाई के लिए संसाधनों की कमी नहीं है। एसएल इंफ्रा के कंधों पर शहर की सफाई का जिम्मा है लेकिन उनकी गाडि़यां न तो समय पर आती है और न ही नियमित रूप से कचरे का उठाव करती हैं। नगर निगम के पास टाटा एससीई की करीब 150 गाडि़यां हैं जो तंग गलियों में घरों के कचरे के उठाव के लिए रखी गई हैं। साथ ही मुख्य मार्ग के लिए बड़ी संख्या में ट्रैक्टरों को लगाया गया है। वहीं कंपैक्टर सहित कई प्रकार के वाहन हैं, जो कचरे का उठाव कर निगम के डंपिंग प्वाइंट तक ले जाते हैं। करीब दो हजार सफाईकर्मी और सुपरवाइजरों के बाद भी गंदगी का उठाव न होना निगम की कार्यकुशलता पर सवाल खड़े करता है।

इन इलाकों में है ज्यादा समस्या

किशोरगंज, इरगू टोली, मधुकम एरिया, गंगानगर, विद्यानगर, हातमा बस्ती, हिन्दपीढ़ी, कैलाश नगर, मेट्रो गली, आनंद नगर आदि।

क्या कहते हैं लोग

नगर निगम की ओर से कचरे का उठाव नियमित तौर पर नहीं किया जा रहा है। कई बार फोन करने पर गाड़ी आती है। हर दिन कचरे का उठाव करना है, लेकिन सप्ताह में एक या दो बार ही हो रहा है।

-श्रवण कुमार

बहुत दिक्कत है, नालियों में कचरा भरा है उसका उठाव नहीं हो पाता है। लोग घर के कचरे को गलियों के मुहाने पर डाल देते हैं और बदबू से राहगीर परेशान हो जाते हैं। निगम को चाहिए कि साफ सफाई का ख्याल रखे।

-विकास सिंह