RANCHI: रांची नगर निगम राजधानी को ओडीएफ बनाने को लेकर रेस हो गया है। ऐसे में मंगलवार को पार्षदों, सिटी मैनेजरों और सुपरवाइजरों की जरूरी बैठक बुलाई गई। जिसमें पार्षदों ने कहा कि लाभुकों को टॉयलेट का पैसा नहीं मिल रहा है तो वार्ड ओडीएफ कहां से बनेंगे। साथ ही सिटी मैनेजर पर मनमानी करने का आरोप लगाया। जिसपर नगर आयुक्त प्रशांत कुमार ने सिटी मैनेजर को वार्ड आफिस में पार्षदों के साथ मिलकर समस्याओं का समाधान करने का निर्देश दिया। साथ ही कहा गया कि वार्डो में जो टॉयलेट बनाए जा रहे है या फिर तैयार हो चुके है उसकी भी लिस्ट तैयार करें और उनका पैसा ट्रांसफर कराएं। मौके पर मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय, असिस्टेंट एग्जीक्यूटिव आफिसर रामकृष्ण कुमार के अलावा हेल्थ सेक्शन के सभी सिटी मैनेजर मौजूद थे।

लाभुकों को पैसा ही नहीं मिला

पार्षदों ने निगम के अधिकारियों से पूछा कि जब लोगों को फ‌र्स्ट इंस्टालमेंट ही नहीं मिला है तो वे टॉयलेट का निर्माण कहां से कराएंगे। वहीं कई लोगों ने टॉयलेट का काम पूरा भी करा लिया है तो उन्हें भी पैसे निगम की ओर से नहीं मिले है। इस पर जवाब देते हुए नगर आयुक्त ने बताया कि बैंकों के कंफ्यूजन के कारण लोगों को परेशानी हुई है। इस पर बैंकों के मैनेजरों के साथ बैठक कर चर्चा की गई। जिसमें पाया गया कि लोगों का अकाउंट डोरमेंट मोड में था। वहीं कई लोगों के अकाउंट नबर ही गलत थे। ऐसे में पैसे ट्रांसपर करने के बाद भी उनके अकाउंट में नहीं पहुंचा। उन्होंने सिटी मैनेजर से इस मामले को भी तत्काल निपटाने का निर्देश दिया है। और जरूरत पड़ने पर लोगों को भी डोरमेंट अकाउंट को चालू करवाने की बात सिटी मैनेजर से कहीं।

सुपरवाइजर फोटो अपलोड करें

नगर आयुक्त ने सुपरवाइजरों से कहा कि वह अपने वार्डो में लोगों को हो रही परेशानी को देखे और उनकी लिस्ट तैयार करें। इसके बाद जिनलोगों का टॉयलेट का काम पूरा हो चुका है उसकी फोटो अपलोड कराकर उन्हें पेमेंट भी सुनिश्चित कराएं।

पैसे लेकर काम नहीं कराने पर एफआईआर

फ‌र्स्ट इंस्टालमेंट मिल जाने के बाद भी जिनलोगों ने टॉयलेट बनाने का काम शुरू नहीं कराया है उनलोगों पर एफआइआर कराने का निर्देश नगर आयुक्त ने दिया। उन्होंने बताया कि लाभुकों को लगाकार कांटैक्ट करने की कोशिश की जा रही है लेकिन उनका नंबर बंद है और संपर्क भी नहीं हो रहा है। इसके अलावा कुछ ऐसे लोगों को भी चिन्हित किया गया है जो रहते तो किसी और वार्ड में है और टॉयलेट के लिए आवेदन दूसरे वार्ड में दिया था।