RANCHI:  निक्सी कंपनी आरयू को वाइफाई करने में जुटी हुई है। साइंस ब्लॉक के अलावा पीजी हिन्दी डिपार्टमेंट को वाइफाई किया जा रहा है। क्भ् नवंबर तक कैंपस को वाइफाई करने का काम पूरा कर लिया जाएगा। कंपनी जोर-शोर से काम पूरा करने में जुटी हुई है।

 

लेट हो गया प्रोजेक्ट

आरयू के वीसी डॉ रमेश कुमार पांडेय ने बताया कि कैंपस को वाइफाई करने का काम क्भ् नवंबर तक पूरा कर लिया जाएगा। यह काम क्भ् अगस्त तक ही होना था, पर लेट हो गया। इस प्रोजेक्ट के पूरा होने के बाद स्टूडेंट्स कहीं से कैंपस में आसानी से नेट एक्सेस कर सकेंगे। इस काम के लिए आरयू को सरकार की ओर से चार करोड़ दिए गए थे, इसके साथ इंस्ट्रक्शन था कि आरटीजीएस के माध्यम से रुपए कंपनी के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएं। यूनिवर्सिटी ने यही किया और इस काम में यूनिवर्सिटी का रोल सिर्फ सुविधा प्रदान करने तक ही सीमित है।

 

रिसर्च में मिलेगा सपोर्ट

रांची यूनिवर्सिटी पीजी छात्र संघ के अध्यक्ष तनुज खत्री ने बताया कि बदलते समय के साथ इंटरनेट पर निर्भरता बढ़ती जा रही है। रिसर्च की ऐसी ढेर सारी सामग्री हैं, जो लाइब्रेरी में उपलब्ध नहीं हैं। पर इसे नेट पर आसानी से एक्सेस किया जा सकता है। इससे उन स्टूडेंट्स को भी फायदा होगा, जो गरीब तबके के हैं और साइबर कैफे जाकर नेट एक्सेस नहीं कर सकते।

 

यह होगा फायदा


क्- फ्री ऑनलाइन एक्सेस

कैंपस के फ्री वाइफाई जोन में तब्दील होने से स्टूडेंटस और फैकल्टी मेंबर्स कैंपस में कहीं से भी ऑनलाइन इंटरनेट एक्सेस कर सकेंगे। इससे उन्हें एजुकेशनल कंटेंट को सर्च करने के साथ पढ़ाई में मदद मिलेगी। यह उन स्टूडेंटस के लिए अधिक फायदेमंद होगा जो गरीब तबके के हैं और साइबर कैफे में जाने का खर्च नहीं उठा सकते।

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ऑनलाइन जर्नल की उपलब्धता

ख्-कैंपस के वाइफाई होते ही स्टूडेंटस और फैकल्टी सीधे ऑनलाइन जर्नल एक्सेस कर सकेंगे। वर्तमान समय में बहुत सा रिसर्च मैटेरियल ऐसा है जो ऑनलाइन नेट पर उपलब्ध है। यह लाइब्रेरी में उपलब्ध नहीं है। कैंपस वाइफाई होने से स्टूडेंट और टीचर्स दोनों की इस अद्यतन सामग्री तक रीच बढ़ेगी।

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साइबर कैफे पर निर्भरता घटेगी

फ्- वाइफाई जोन से स्टूडेंटस की साइबर कैफे पर निर्भरता घटेगी। अभी फार्म भरना हो या एक्जाम्स की जानकारी लेना सबके लिए उन्हें साइबर कैफे जाना पड़ता है। जिन स्टूडेंटस के मोबाइल में नेट है उनके लिए तो ठीक है पर बहुत सारे स्टूडेंटस ऐसे हैं जिनके पास नेट की सुविधा नहीं है। उन्हें यह फायदा पहुंचायेगा।

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रिसर्च का स्तर बढ़ेगा

ब्- ज्ञान के युग में ऑनलाइन रिसर्च मैटेरियल इंटरनेट पर उपलब्ध हैं। रिसर्च वर्क में अद्यतन इनपुट डालने के लिए नवीनतम ज्ञान की जरुरत होती है। विज्ञान जगत में तेजी से नित नये परिवर्तन हो रहे हैं और वे परिवर्तन रिसर्च फाइंडिंग्स के रुप में लाइब्रेरी में पहुंच रही किताबों से पहले नेट पर उपलब्ध हो जाते हैं। ऐसे में जब इस मैटेरियल तक स्टूडेंटस और टीचर्स की एक्सेस होगी तो रिसर्च का स्तर बढ़ेगा। यह सुविधा रिसर्च को रिचार्ज करने का काम करेगी।

 

आरयू को वाइफाई जोन में तब्दील करने का काम निक्सी कर रही है। क्भ् नवंबर तक यह काम पूरा हो जायेगा। इससे स्टूडेंट आसानी से नेट एक्सेस कर सकेंगे।

-डॉ रमेश कुमार पांडेय, वीसी, आरयू