-आरयू के 29वें दीक्षांत समारोह में 35 टॉपर्स को मिले गोल्ड मेडल

-कुलाधिपति सह राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने अपने हाथों से दिए गोल्ड मेडल

-1407 स्टूडेंट्स को मिलीं डिग्रियां

RANCHI: रांची यूनिवर्सिटी के ख्9वें कॉन्वोकेशन में बुधवार को फ्भ् टॉपर्स को गोल्ड मेडल मिले। वहीं, करीब क्ब्07 स्टूडेंट्स के बीच डिग्रियां बांटी गई। मोरहाबादी स्थित दीक्षांत मंडप में आयोजित समारोह की चीफ गेस्ट राज्यपाल सह कुलाधिपति द्रौपदी मुर्मू थीं, जिन्होंने अपने हाथों से टॉपर्स को गोल्ड मेडल प्रदान किया। गोल्ड मेडल पाकर टॉपरों के चेहरे खिल उठे। वहीं, स्पेशल गेस्ट सीएम रघुवर दास, शिक्षा मंत्री डॉ नीरा यादव थीं। मौके पर मुख्य रूप से वीसी डॉ। रमेश पांडे, प्रोवीसी डॉ। एम रजीउद्दीन, रजिस्ट्रार डॉ। अमर चौधरी सहित तमाम अधिकारी मौजूद थे। गौरतलब हो कि मेडल व डिग्रियां लेने वाले सभी स्टूडेंट्स आरयू के ख्0क्फ् बैच के थे। वहीं, ब्7 टॉपर्स को गोल्ड मेडल मिलना था। लेकिन बाकी स्टूडेंट्स मौजूद नहीं थे।

नाजिया ओवरऑल बेस्ट टॉपर इन ग्रेजुएट

दीक्षांत समारोह में ब्7 टॉपरों को गोल्ड मेडल मिलना था, लेकिन फ्भ् टॉपर ही पहुंचे। ओवरऑल बेस्ट टॉपर इन ग्रेजुएट नाजिया तब्बस्सुम को सबसे पहले गोल्ड मेडल दिया गया। इसके बाद सभी टॉपर्स लाइन में लगकर गोल्ड मेडल लिए। वहीं जब ह्यूमन राइट एजुकेशन की टॉपर दिव्यांग श्वेता मंडल स्टेज पर मम्मी के साथ पहुंचीं, तो तालियों से पूरा मंडप गूंज उठा। महामहिम और सीएम के साथ शिक्षा मंत्री ने भी उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।

राष्ट्रगान से समारोह की शुरुआत

इससे पहले सुबह दस बजे शुरू हुए दीक्षांत समारोह में सबसे पहले सभी अतिथि गाउन पहनकर स्टेज पर पहुंचे। इसके बाद राष्ट्रगान और आरयू के कुलगीत के साथ प्रोग्राम की शुरुआत हुई। सभी डीन ने अपने-अपने संकाय की उपाधि की घोषणा की और वीसी से इसकी इजाजत ली। इसके बाद सभी अतिथियों ने अपने-अपने विचार रखे। वहीं, कुलाधिपति डॉ। द्रौपदी मुर्मू ने सभी टॉपरों को गोल्ड मेडल दिए, जिसे पाते ही टॉपरों के चेहरे खिल उठे और उनके लिए ये दिन यादगार बन गया।

स्टूडेंट्स में नहीं दिखा अनुशासन

कॉन्वोकेशन के दौरान यूनिवर्सिटी के अधिकारी बार-बार यही कह रहे थे कि स्टूडेंट शांत रहें और अपनी-अपनी सीटों पर बैठे रहें। लेकिन पूरे दीक्षांत समारोह के दौरान सभी स्टूडेंट्स आपस में बात करते रहे और इधर-उधर घूमते नजर आए। स्टूडेंट्स में अनुशासन नहीं दिखा, जबकि सीएम ने अपने भाषण की शुरुआत अनुशासन से ही की। उन्होंने स्टूडेंट्स को अनुशासन में रहने की सलाह दी।