RANCHI: आरयू छात्र संघ चुनाव में कॉलेजों के बाद अब यूनिवर्सिटी पर कब्जा के लिए छात्र संगठनों के बीच जोड़-तोड़ की राजनीति शुरू हो गई है। दरअसल, कॉलेज लेवल पर हुए छात्र संघ चुनाव में किसी भी छात्र संगठन के पास पूर्ण आंकड़ा नहीं है। ब्क् विनर्स कैंडिडेट्स के साथ एबीवीपी पहले और ख्7 विनर कैंडिडेट्स के साथ आदिवासी छात्र संघ दूसरे नंबर पर है तो क्ब् आंकड़े के साथ आजसू और म् उम्मीदवारों के साथ जेसीएम भी मैदान में डटे हुए हैं। एबीवीपी, एसीएस, आजसू और जेसीएम के नेता एक-दूसरे के संगठन मेंविनर्स का मन टटोलने में लगे हैं। लेकिन यह कह पाना मुश्किल है कि विवि स्तरीय छात्र संघ चुनाव में पलड़ा किसका भारी होगा।

एबीवीपी ने सभी के लिए खोला दरवाजा

एबीवीपी नेता संजय महतो ने कहा है कि विवि स्तरीय छात्र संघ चुनाव में दूसरे संगठन के उम्मीदवारों ने एबीवीपी में आने की इच्छा जाहिर की है। संजय महतो ने कहा है कि बिना शर्त कोई भी उम्मीदवार एबीवीपी का दामन थाम सकता है। एबीवीपी अपनी रणनीति का खुलासा मंगलवार को कर सकता है।

आजसू ने नहीं खोल रहा पत्ता

विवि स्तरीय छात्र संघ चुनाव में आजसू का झुकाव किधर होगा, अभी तक क्लीयर नहीं है। जबकिं एबीवीपी को विवि स्तरीय छात्र संघ चुनाव जीतने के लिए आजसू का समर्थन बेहद जरूरी हो जाता है।

एसीएस व जेसीएम से सांठगांठ

आदिवासी छात्र संघ जेसीएम और आजसू के साथ सांठ गांठ कर जादुई आंकड़ा छू सकते हैं। एसीएस के केंद्रीय अध्यक्ष सुशील उरांव ने स्पष्ट किया है कि एसीएस किसी सूरत में एबीवीपी के साथ नहीं जाएगा।

डीप कलर के होंगे बैलेट पेपर

ख्0 दिसंबर से होने वाले विवि स्तरीय छात्र संघ चुनाव में बैलेट पेपर डीप कलर के होंगे। प्रेसिडेंट के लिए डीप ब्लू, वाइस प्रेसिडेंट के लिए डीप येलो, सेक्रेट्री के डीप पिंक, ज्वाइंट सेक्रेट्री के लिए व्हाइट और डिप्टी सेक्रेट्री के लिए डीप ग्रीन कलर का मतपत्र होगा। इसके पूर्व कॉलेज स्तरीय छात्र संघ चुनाव में बैलेट पेपर का रंग लाइट था। दूसरा अहम बदलाव यह भी है कि एक वोटर को पांच जगहों पर अलग अलग सिग्नेचर करना होगा, इसके पूर्व कॉलेज स्तरीय छात्र संघ चुनाव में वोटर को एक ही जगह पर सिग्नेचर करना होता था।