- मंडुवाडीह में पांच साल की दिव्यांग संग हुई वारदात के दूसरे दिन बोले परिजन, मौके से दो जोड़ी चप्पलों के मिले हैं निशान, मोबाइल भी मिला

- पुलिस पर प्रेशर डालकर तहरीर बदलवाने का लगाया आरोप

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मंडुवाडीह के चांदपुर में पांच साल की दिव्यांग बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में शुक्रवार को परिजनों ने बच्ची के साथ रेप नहीं गैंगरेप की बात कही। मंडुआडीह पुलिस पर परिजनों ने दबाव डलवाकर मन मुताबिक तहरीर लिखवाने का आरोप लगाया है। बीएचयू में शुक्रवार को मीडिया से बातचीत के दौरान पीडि़ता की मां व अन्य परिजनों ने दावा किया कि घटनास्थल पर दो जोड़ी और हवाई चप्पल के साथ ही एक मोबाइल भी मिला था जिसे पुलिस ने अपने कब्जे में ले लिया था। परिजनों का आरोप है कि उक्त मोबाइल दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार संजय का नहीं बल्कि गैंगरेप में शामिल अन्य लोगों में से किसी एक का है। वहीं प्रदेश के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अनिल राजभर ने भी एसएस अस्पताल, बीएचयू के आइसीयू में भर्ती बच्ची के परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने परिजनों को हर संभव मदद का भरोसा दिलाया। चंदौली के पूर्व सांसद व सपा नेता रामकिशुन ने भी पीडि़ता के परिजनों से मुलाकात उन्हें हर तरह की मदद का आश्वासन दिया।

बोल सकती है बेटी

परिजनों ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने जानबूझकर उनकी बेटी को मूक बधिर बताया जबकि वह बिलकुल ठीक है। हालांकि मूक बधिर वाले प्रकरण में गुरुवार को पीडि़ता के रिश्तेदारों ने ही बालिका के मूक बधिर होने की बात कही थी। एसएसपी नितिन तिवारी का कहना है कि अभी इस मामले में कुछ भी कहना ठीक नहीं है। मोबाइल की जांच कराई जा रही है कि यह आखिर किसका है। जांच में कोई क्लू मिलता है तो जेल भेजे जा चुके संजय को रिमांड पर भी लिया जा सकता है। फिलहाल पुलिस की पहली प्राथमिकता पीडि़ता के स्वस्थ होने की है। स्वस्थ होने के बाद उसके द्वारा दिए गए बयान से सच सामने आ जाएगा। दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार आरोपी संजय के खून से सने कपड़े के साथ ही पीडि़ता के कपड़े भी सील करके जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला भेजा जा रहा है। गिरफ्तार संजय के खिलाफ पुलिस गैंगस्टर एक्ट में कार्रवाई की तैयारी भी कर रही है।