आई फॉलोअप

-महिला थाने में पीडि़ता ने किया था खुलासा, आई नेक्स्ट के पास पीडि़ता के बयान की रिकॉर्डिग

-समझौते की चर्चा ने भी पकड़ा जोर, पहली किश्त देने का किया जा रहा है दावा

KANPUR : शादी का झांसा देकर छात्रा से रेप करने वाला रेपिस्ट दरोगा उदय प्रताप सिंह की पहुंच सीएम आवास तक है। वो छात्रा को बर्थडे पर लखनऊ घुमाने ले गया थ, जहां पर वो पार्टी करने के बाद भोकाल गांठने के लिए उसको सीएम आवास ले गया था। इस दौरान आरोपी दरोगा का भतीजा भी उसके साथ था। इसके अलावा दरोगा छात्रा को कन्नौज और सैफई भी ले जा चुका है। जिसे देखकर छात्रा आरोपी दरोगा से और इंप्रेस हो गई थी। यह खुलासा खुद पीडि़ता ने महिला थाने में मीडिया के सामने किया था। अब छात्रा से बात करने की कोशिश की जा रही है, लेकिन छात्रा का मोबाइल स्विच ऑफ होने से उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है।

गर्म हुई समझौते की चर्चा

नवाबगंज थाने में जाकर दरोगा उदय प्रताप सिंह पर रेप जैसे संगीन आरोप लगाने वाली पीडि़ता अब कुछ भी बोलने से बच रही है। उसने मीडिया से भी दूरी बना ली है। जिससे उसके दरोगा से समझौता करने की चर्चा और गर्म हो गई है। पीडि़ता और दरोगा से जुड़े लोग तो समझौता होने का दावा भी कर रहे हैं। उनका तो कहना है कि दरोगा ने समझौते में तय रकम का इंतजाम करने के लिए दो दिन का समय मांगा था। एक करीबी जानकार के मुताबिक दरोगा ने गुरुवार की शाम को समझौते की एक किश्त भी बिचौलिए को दे दी है। अब वो दूसरी किश्त के जुगाड़ में लग गया है।

ससुराल पक्ष ने किया रकम का इंतजाम

दरोगा ने भले ही पत्नी को धोखा दिया है, लेकिन पत्नी ने उसको माफ कर दिया है। सोर्सेज के मुताबिक दरोगा के समझौते में उसके ससुराल पक्ष की अहम भूमिका है। उसके ससुराल पक्ष ने ही एक बिचौलिए के जरिए समझौते की स्क्रिप्ट तैयार की है। यहां तक उन्होंने ही समझौते में तय रकम का आधा हिस्सा भी दिया है।

तो दोबारा नहीं होगी रिपोर्ट

रेप जैसे संगीन मामलों में पीडि़ता का मजिस्ट्रेटी बयान ही सबसे अहम होता है। सीनियर एडवोकेट कौशल किशोर शर्मा के मुताबिक अगर पीडि़ता ने मजिस्ट्रेटी बयान में दरोगा को क्लीन चिट दे दी तो दरोगा का केस खत्म हो जाएगा। इसके बाद अगर पीडि़ता ने दोबारा शिकायत करती है तो फिर दरोगा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज नहीं हो पाएगी।

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मुश्किल में पड़ सकते हैं दरोगा

अगर पीडि़ता और दरोगा के समझौते की बात गलत है तो दरोगा की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अगर पीडि़ता पूर्व के बयान को ही मजिस्ट्रेट के सामने दोहराती है तो दरोगा मुश्किल में पड़ जाएंगे। बताते चले कि पूर्व में पीडि़ता ने दरोगा पर रेप, मारपीट और गर्भपात कराने का आरोप लगाया है। पुलिस रेप और मारपीट में रिपोर्ट दर्ज कर जांच कर रही है। अगर पीडि़ता ने गर्भपात कराने का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दे दिया तो दरोगा पर गर्भपात कराने की धारा भी बढ़ जाएगा। इस स्थिति में उनका जेल जाना तय हो जाएगा।