- रोहिन स्थिर हुई, लेकिन राप्ती में बढ़त जारी
- इसकी वजह से 381 गांव पानी की आगोश में, 153 गांव मैरुंड
- बाढ़ की चपेट में आई ढाई लाख से ज्यादा आबादी
- शहर से सटा लहसड़ी और नौसढ़ बंधे पर भी मंडरा रहा है खतरा
GORAKHPUR: गोरखपुर में बाढ़ के हालात दिन ब दिन खराब होते जा रहे हैं। पानी की आगोश में आने वाले गांव की संख्या लगातार बढ़ रही है। हालत यह है कि राप्ती में लगातार इजाफा हो रहा है, जिसकी वजह आसपास के बंधे पर दबाव बढ़ गया है। इसका असर यह है कि इससे शहर के बॉर्डर पर मौजूद लहसड़ी और नौसढ़ बंधे पर खतरा मंडरा रहा है। कुछ स्पॉट्स पर रिसाव हो रहा है, लेकिन मुकामी लोग इसे रोकने की जद्दोजहद में दिन-रात एक किए हुए हैं। अब तक बाढ़ की चपेट में 381 गांव आ चुके हैं, इसमें से 153 गांव मैरुंड हो चुके हैं।
बर्डघाट और तुर्तीपार में बढ़त जारी
नदियों के जलस्तर की बात की जाए तो रोहिन में पानी कम होने लगा है, लेकिन इसके बाद भी यह अभी खतरे के निशान से करीब दो मीटर ऊपर बह रही है। वहीं, राप्ती लगातार ऊपर आती जा रही है। हालत यह है कि बर्डघाट में राप्ती का जलस्तर खतरे के निशान से दो मीटर ऊपर तक पहुंच गया है, 21 अगस्त को सुबह 8 बजे तक इसके और बढ़ने के चांसेज हैं। वहीं, तुर्तीपार में घाघरा फिलहाल स्थिर है और खतरे के निशान से करीब एक मीटर ऊपर बह रही है। 21 अगस्त को इसके वॉटर लेवल बढ़ने की चांसेज हैं।
आेवर ऑल -
प्रभावित गांव संख्या - 381
मैरुंड गांव की संख्या - 153
प्रभावित ग्राम की आबादी - 267375
प्रभावित क्षेत्रफल - 25668.73 हेक्टेयर
प्रभावित मकान - 548
प्रभावित झोपड़ी - 531
राहत शिविर की संख्या - 36
शरणार्थियों की संख्या - 17135
प्रभावित पशु - 4284
गोरखपुर शहर
प्रभावित गांव संख्या - 92
मैरुंड गांव की संख्या - 49
प्रभावित ग्राम की आबादी - 92100
राहत शिविर की संख्या - 25
शरणार्थियों की संख्या - 11550