-सिविल लाइंस के एक नामी-गिरानी रेस्टोरेंट से लिया गया था सैंपल

-हेल्थ के लिए बताया अनसेफ, डिटर्जेट की श्रेणी में आता है रीठा

ALLAHABAD: सफेद चमकदार रसगुल्ले दे2ाने में जितने 2ाूबसूरत लगते हैं, 2ाने में उतने हानिकारक साबित हो सकते हैं। ये हम नहीं, बल्कि 2ाद्य सुरक्षा वि5ाग की जांच में यह सच्चाई सामने आई है। शहर के सिविल लाइंस स्थित नामी गिरामी रेस्टोरेंट द्वारा रसगुल्ले को चमकाने के लिए रीठा का इस्तेमाल किया जा रहा था। जब जांच के लिए सैंपल 5ोजा गया तो वह अनसेफ यानी असुरक्षित मिला।

इस्तेमाल पर लगी है रोक

रसगुल्ला आदि मिठाइयों को रीठा से चमकाने पर रोक लगी है। वजह, इसे डिटर्जेट की श्रेणी में र2ा जाता है और यह सेहत पर बुरा प्र5ाव डाल सकता है। सहायक 2ाद्य आयु1त जेपी मौर्या के निर्देश पर 16 अ1टूबर को सिविल लाइंस के रेस्टोरेंट में छापेमारी कर सैंपल लिया गया था। सैंपल अनसेफ आने के बाद संबंधित दोषी को छह माह तक सजा और एक ला2ा रुपए तक जुर्माना हो सकता है।

यहां 5ाी फेल हो गया सैंपल

इसी तरह 17 अ1टूबर को मुट्ठीगंज में मुंशीराम की बगिया में एक दुकान पर छापेमारी कर 5ारी सं2या में राइस ब्रांड आयल सीज किया गया था। इसका सैंपल 5ाी जांच में फेल पाया गया है। इसे अधोमानक घोषित किया गया है। इसमें एसिड वैल्यू निर्धारित मानक 0.5 की जगह 1.93 पाया गया है। जिसको 2ाने से गले में जलन और एसिडिटी की शिकायत हो सकती है। इसके अलावा पैकिंग पर सरसों का तेल लि2ा हुआ था और इसमें चावल की 5ाूसी का तेल 5ारा हुआ था। रूल वायलेशन होने पर यह मामला 5ाी जांच के लिए 5ोजा गया है। अधोमानक पाए जाने पर पांच ला2ा रुपए तक जुर्माना का प्रावधान है।

वर्जन

दोनों सैंपल की जांच रिपोर्ट फेल आई है। संबंधितों के 2िालाफ आगे की कार्रवाई की जा रही है। राइस ब्रांड आयल मामले में जांच रिपोर्ट में करे1शन की मांग की गई है। इसमें सरसों का तेल लि2ा होने का नया मामला सामने आया है।

-आरपी गुप्ता, मंडलीय 2ाद्य सुरक्षा अधिकारी, इलाहाबाद