केस - वन

फरीदपुर के मनोज कुमार ने बताया कि वह किसान हैं। उनके घर में कोई कमाने वाला नहीं हैं। पक्का मकान और प्रॉपर्टी भी नहीं हैं। घर आए बिना ही अधिकारियों ने मेरा राशन कार्ड लिस्ट से हटा दिया। अब दोबारा नाम जुड़वाने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहा हूं।

केस - टू

कुछ ऐसा ही हाल बहेड़ी के रहने वाले उपेंद्र सिंह का है। इनके पूरे परिवार की सालाना आमदनी 2 लाख से कम हैं। जमीन भी नहीं है और न ही जेनरेट और ट्रैक्टर है। फिर भी इनका राशन कार्ड सत्यापन के दौरान जब्त कर लिया गया। अब यह दोबारा राशन कार्ड बनवाने के लिए परेशान हैं।

- राशन नहीं मिलने से परेशान लाभार्थी लगा रहे विभाग का चक्कर

<

केस - वन

फरीदपुर के मनोज कुमार ने बताया कि वह किसान हैं। उनके घर में कोई कमाने वाला नहीं हैं। पक्का मकान और प्रॉपर्टी भी नहीं हैं। घर आए बिना ही अधिकारियों ने मेरा राशन कार्ड लिस्ट से हटा दिया। अब दोबारा नाम जुड़वाने के लिए विभाग के चक्कर लगा रहा हूं।

केस - टू

कुछ ऐसा ही हाल बहेड़ी के रहने वाले उपेंद्र सिंह का है। इनके पूरे परिवार की सालाना आमदनी ख् लाख से कम हैं। जमीन भी नहीं है और न ही जेनरेट और ट्रैक्टर है। फिर भी इनका राशन कार्ड सत्यापन के दौरान जब्त कर लिया गया। अब यह दोबारा राशन कार्ड बनवाने के लिए परेशान हैं।

- राशन नहीं मिलने से परेशान लाभार्थी लगा रहे विभाग का चक्कर

BAREILLY:

BAREILLY:

राशन कार्ड के सत्यापन में डिस्ट्रिक्ट सप्लाई ऑफिस के अधिकारियों की लापरवाही सामने आई हैं। फ् मई से फ् जून तक हुए सत्यापन के दौरान पात्र राशन कार्ड धारकों के भी नाम लिस्ट से हटा दिए गए हैं। अब वह सरकारी दर से राशन पाने के लिए विभाग के चक्कर काटने पर मजबूर हैं। लेकिन अधिकारी समस्या का हल निकालने के बजाय उन्हें उल्टे पांव लौटा दे रहे हैं।

एक महीने तक चला था सत्यापन

एक महीने तक चले राशन कार्ड के सत्यापन में क्भ् हजार से अधिक कार्ड डिलीट किए गये। वहीं छापेमारी के दौरान ख्भ्,ख्क्0 हजार राशन कार्ड जब्त किए गए, जिसकी वजह से म्0 हजार से अधिक यूनिट प्रभावित हुए हैं। इनमें सैकड़ों पात्र के भी नाम लिस्ट से हटा दिए गये हैं। जिनके पास न तो प्रॉपर्टी, कार, एसी और जेनरेटर और बिजनेस के अन्य साधन हैं। अब वह अपना नाम जुड़वाने के लिए अपने क्षेत्रीय कार्यालय और आवास विकास स्थिति मुख्य कार्यालय का चक्कर लगा रहे हैं। रोजाना क्0 से क्भ् लोग ऑफिस अपनी समस्या लेकर पहुंच रहे हैं।

ख्फ् जून तक मांगी गई आपत्ति

सत्यापन का कार्य पूरा होने के बाद जो लिस्ट तैयार की गई हैं, उसकी लिस्ट कोटेदारों के यहां चस्पा कर ख्फ् जून तक आपत्तियां मांगी गई है। यदि, कोई अपात्र जो कि पात्र की लिस्ट में शामिल कर लिए गए हैं उन पर आपत्ति की जा सकती है।

बॉक्स

शहर

- क्भ्,म्8,ब्09 जनसंख्या।

- ब्भ्ब् सरकारी दुकानें।

- ख्,क्ब्,फ्9म् डिजिटाइड कार्डो की संख्या।

- 9,म्9,7म्भ् डिजिटाइड यूनिट की संख्या।

ग्रामीण

- ख्8,79,9भ्0 जनसंख्या।

- क्ब्क्0 सरकारी दुकानें।

- भ्,ख्ख्,78भ् डिजिटाइड कार्डो की संख्या।

- ख्क्,9ख्,080 डिजिटाइड यूनिट की संख्या।

नोट - सत्यापन के डेटलाइन ब् जून तक की स्थिति

जिन लाभार्थियों के नाम लिस्ट से कट गए हैं। वह लिखित शिकायत दर्ज करा सकते हैं। उनकी दोबारा जांच कराई जाएगी। लाभार्थियों को लाभ मिलेगा।

सीमा त्रिपाठी, डीएसओ