- राशन के लिए आवेदन करते समय रईसजादों ने नहीं दी सही सूचना

- पब्लिक बता रही कि उनके पड़ोसी हैं कितने सम्पन्न

BAREILLY:

बरेली में तमाम अमीरों ने सरकार की आंख में धूल झोंक कर राशन कार्ड बनवा लिया था, जो गरीबों के हक का राशन भी डकार रहे हैं। इनकी करतूत का पता जब पड़ोसियों को लग रहा है, तो वह उनकी पोल खोल रहे हैं, जिसके आधार पर डीएसओ ऑफिस राशन कार्ड की जांच कर उनके निरस्तीकरण की कार्रवाई कर रहा है।

लाभ के लालच में फर्जीवाड़ा

पहले एपीएल, बीपीएल और अंत्योदय तीन केटेगरी में लोगों को बांटा गया था, लेकिन सरकार ने नए नियम के तहत गृहस्थी और अंत्योदय कार्ड होल्डर शामिल हैं। इस नई योजना के तहत लोगों को 2 रुपए केजी गेहूं और 3 रुपए केजी चावल दिए जा रहे हैं। सस्ते दर पर अनाज का लाभ पाने के लिए रईसजादों ने भी राशन कार्ड बनवा लिए हैं। जबकि, एपीएल कार्ड इसलिए खत्म किया गया था कि आर्थिक रूप से सम्पन्न लोगों को सस्ते राशन का लाभ नहीं मिलेगा, लेकिन उनकी यह हरकत पड़ोसियों को नहीं पच रही है। वह इस बात की जानकारी डीएसओ अधिकारियों को बता रहे हैं कि उनके पड़ोसी आखिर कितने सम्पन्न हैं।

आवेदन में दी गलत इंफॉर्मेशन

पड़ोसियों से मिल रही सूचना पर जब डीएसओ की टीम मामले की जांच कर रही है, तो उसके हाथ कई सुबूत लग रहे है, जिसे छिपा कर लोगों ने कार्ड बना लिए हैं। अंत्योदय कार्ड उन्हीं के बनने थे, जिनके यहां चार पहिया, एसी और 5 केवीए या इससे अधिक क्षमता का जेनरेटर नहीं है। परिवार में किसी के पास 100 वर्ग मीटर से अधिक स्वअर्जित प्लॉट नहीं है। शहर में रह रहे परिवार की मासिक आय 3 लाख और ग्रामीण में 2 लाख से अधिक नहीं हैं। परिवार में किसी भी सदस्य के पास शस्त्र का लाइसेंस और शस्त्र नहीं है। सहित तमाम जानकारियां आवेदन के वक्त देनी थी, लेकिन इस तमाम जानकारियों को छिपाते हुए लोगों ने आवेदन करते वक्त गलत इंफॉर्मेशन दी।

तो देना होगा जुर्माना

फर्जीवाड़ा कर गरीबों का राशन हजम कर रहे लोगों को उनकी यह हरकत भारी पड़ने वाली है। क्योंकि जो भी लोग 30 अप्रैल तक अपना राशन कार्ड डीएसओ ऑफिस में जमा नहीं कर देते हैं, उनसे जुर्माना वसूल किया जाएगा। मतलब कि जितना किलो सस्ता राशन वह हजम कर चुके हैं, उसकी कीमत बाजार रेट के हिसाब से चुकता करनी पड़ेगी।

पब्लिक से सूचना मिलने पर हम लोग मामले की जांच कर कार्रवाई कर रहे हैं। पब्लिक से मिली सूचना पर अभी तक कई मामले पकड़ में आ चुक हैं।

केएल तिवारी, डीएसओ