-राशन की कालाबाजारी रोकने के लिए योगी सरकार ने उठाया कदम

-लखनऊ में स्पेशल सेंटर, सस्ते गल्ले की सभी दुकानें होंगी लिंक

आई स्पेशल

मेरठ: केंद्र सरकार के निर्देश पर मेरठ समेत सूबे के सभी जनपदों में डिजिटल स्मार्ट राशन कार्ड परियोजना को आरंभ कर दिया गया है। खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जहां हर गरीब को निवाला देने का बीड़ा केंद्र सरकार ने उठाया है तो वहीं खाद्यान्न चोरी रोकने के लिए राशन वितरण प्रणाली को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी डिजिटल कंट्रोल करने जा रहे हैं। जल्द लोगों को सस्ता राशन प्लास्टिक कार्ड (स्मार्ट राशन कार्ड) पर मिलेगा।

लगी होगी चिप

लखनऊ में कार्यशाला से लौटे जिला पूर्ति अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि इस स्मार्ट राशन कार्ड में चिप लगी होगी, जिसमें कार्डधारक का नाम, सदस्यों के नाम, तय राशन, पता, आधार कार्ड संख्या समेत तमाम जानकारी होंगी। इसके लिए खास तौर से पीओएस (सिस्टम प्वाइंट ऑफ सेल) डिवाइस तैयार की जा रही है। इसके स्वाइप करने के लिए टैबलेट के आकार की मशीन होगी, ये मशीन हर सस्ते सरकारी राशन की दुकान पर होगी। मशीन में कार्ड स्वाइप करने पर इसकी पूरी जानकारी ऑनलाइन हो जाएगी। कोटेदार के खाते से तय राशन कम हो जाएगा। इसकी पूरी मानीटरिंग के लिए लखनऊ में स्पेशल सेंटर बन रहा है। जहां प्रदेशभर के डीलरों का रिकार्ड रहेगा। डीएसओ का कहना है कि इस क्रांतिकारी कदम से न कोटेदार गड़बड़ी कर सकेंगे और न ही उपभोक्ता झूठी जानकारी दे सकेंगे। कंप्यूटर पर सभी का विवरण आसानी से देखा जा सकेगा।

फिलहाल पर्ची सिस्टम

सूबे की योगी सरकार के फरमान के बाद पूर्व सीएम अखिलेश यादव के फोटो लगे राशन कार्डो को जब्त करने का काम जिला पूर्ति विभाग ने आरंभ कर दिया है। पूर्ति विभाग पुराने राशन कार्डो को लेकर ब्योरा कलेक्ट कर सेव कर रहा है जिससे नए सिरे से उपभोक्ता की जांच पड़ताल न करनी पड़े। फिलहाल पर्ची सिस्टम से राशन का वितरण सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों से हो रहा है। गौरतलब है कि मेरठ में जनवरी 2016 से खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू है। प्रक्रिया के तहत पूर्ति विभाग ने 5,09,883 पात्र गृहस्थियों का चयन भी किया था। तत्कालीन सपा सरकार के दौरान हुए पात्र गृहस्थी के चयन को खारिज करते हुए सीएम ने विभाग को दोबारा पात्रों का परीक्षण कर चयन के निर्देश दिए हैं।

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उपभोक्ताओं को नए स्मार्ट राशन कार्ड के लिए इंतजार करना होगा। पूरे प्रदेश में ये योजना लागू होगी, ऐसे में कार्ड बनवाने में देरी स्वाभाविक है। मेरठ में 5,19,112 कार्ड धारक हैं। नए राशन कार्ड न आने तक पुरानी व्यवस्था से ही राशन मिलेगा।

राजेश कुमार, डीएसओ, मेरठ