नाखुश हैं शास्त्री
बताया जा रहा है कि बीते साल भारतीय क्रिकेट टीम के निदेशक नियुक्त किए गए रवि शास्त्री को अभी अस्थाई रूप से ही इस पद की जिम्मेदारी दी गई है. ऐसा इसलिए भी किया गया है क्योंकि फिलहाल टीम के मुख्य कोच डंकन फ्लेचर का कार्यकाल समाप्त हो गया है. इस स्थिति में टीम इंडिया के स्थायी कोच के लिए अभी किसी को नहीं चुना गया है. हां, यहां ये बात भी जरूर है कि बीते लंबे समय से टीम में अपनी इस अस्थाई भूमिका को लेकर शास्त्री नाखुश हैं. आखिरकार वे टीम के निदेशक या मुख्य कोच के तौर पर काम करना चाहते हैं.

BCCI के सचिव ने दी जानकारी
अभी खास जरूरत होने के कारण फिलहाल वह बंगलादेश दौरे पर जाने के लिए सहमत हो गए हैं. इस बात की जानकारी भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड(बीसीसीआई) के सचिव अनुराग ठाकुर ने दी. उन्होंने बताया कि अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने रवि शास्त्री को दौरे की अहमियत के मद्देनजर नियुक्त किया गया है. उन्होंने बताया कि यह सिर्फ बंगलादेश दौरे तक के लिए ही है. उसके बाद टीम के स्थायी कोच को लेकर स्पष्ट रूप से फैसला किया जाएगा. गौरतलब है कि भारत को बंगलादेश के खिलाफ एक टेस्ट और तीन वनडे मैच खेलने हैं.

आइए जानें देश भर से कुछ बेहतरीन कोच के बारे में
अब अगर हम बात करते हैं खेल जगत और खासतौर पर क्रिकेट की दुनिया की, तो पूरी टीम के साथ एक अच्छे कोच का होना बहुत ज्यादा जरूरी है. एक अच्छा कोच ये बहुत अच्छी तरह से जानता है कि सामने वाले एक-एक प्लेयर को कैसे हैंडल करना है. ऐसे में समझ में आता है कि क्रिकेट की हर एक टीम में कोच की कितनी ज्यादा जरूरत है. आइए मिलें क्रिकेट जगत के 10 मशहूर और जबरदस्त कोच से, जिन्होंने अपनी मेहनत के बल से अपनी टीम को हमेशा जीत की ओर ही बढ़ाने की कोशिश की है.

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कोच जॉन बुकनन
पूर्व कोच और फर्स्ट क्लास क्रिकेटर जॉन बुकनन को क्रिकेट जगत के इतिहास में बहुत अच्छे से जाना जाता है. सिंपसन्स करेक्टर के कारण इन्हें नेड फ्लेंडर्स का घरेलु नाम दिया गया था. क्वीन्सलैंड बुल्स के लिए पांच साल तक कोच की भूमिका निभाने के बाद बुकनन को अक्टूबर 1999 में ऑस्ट्रेलियन क्रिकेट टीम का कोच बना दिया गया. इनके कोच के कार्यकाल के दौरान ही ऑस्ट्रेलिया की नेशनल क्रिकेट टीम ने 2003 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2007 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप, 2006 ICC चैंपियंस ट्रॉफी भी जीती. ऑस्ट्रेलिया टीम से रिटायर होने के बाद इन्होंने जून 2009 में कोलकाता नाइट राइडर्स के कोच की भी भूमिका निभाई. इसके बाद इन्होंने भी मई 2011 से जुलाई 2013 तक न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के निदेशक की भूमिका निभाई.

रवि शास्त्री बने टीम इंडिया के कोच,ये हैं दुनिया के 10 बेहतरीन कोच 

बॉब वूलमर
पूर्व अंग्रेजी क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच बॉब वूलमर ने अपनी कोचिंग का सफर 1991 में वारविकशायर काउंटी क्रिकेट क्लब से शुरू किया और 1993 में नेटवेस्ट ट्रॉफी पर कब्जा जमाया. वूलमर को 1994 में दक्षिण अफ्रीका का कोच नियुक्त किया गया. इनके नेतृत्व में दक्षिण अफ्रीका की टीम ने 15 में से 10 टेस्ट सीरीज जीतीं. इनको 2004 में पाकिस्तान क्रिकेट टीम का भी कोच बनाया गया. इनके टीम को ज्वाइन करने के बाद टीम ने ODI सीरीज में विजय पताका फहराई. इनको पाकिस्तान में 'सितार-ए-इम्तियाज़' की ओर से हाई रैंकिंग सिविल अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया. 18 मार्च 2007 को आयरलैंड में होने वाले क्रिकेट वर्ल्ड कप से पाकिस्तान के बाहर होने के चंद घंटों बाद उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया था.   

गैरी कर्स्टन
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच गैरी ने किसी भी साउथ अफ्रीकन की तुलना में 188 रन पर नॉट-आउट होकर वन-डे इंटरनेशनल की सेकेंड इनिंग में सबसे ज्यादा स्कोर खड़ा करने का रिकॉर्ड बनाया. इन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कोचिंग का सफर 1 मार्च 2008 को इंडिया नेशनल क्रिकेट टीम के साथ शुरू किया और 2011 तक इस पद पर रहे. इनके समय में ही भारत ने 2011 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप और 2009 कॉम्पैक कप जीता. कर्स्टन ने ही यह कही थी कि भारतीय क्रिकेट टीम के लिए यह सबसे बड़ी बात है कि उनके साथ महेंद्र सिंह धोनी हैं. 5 जून 2011 को इन्हें दक्षिण अफ्रीका की नेशनल क्रिकेट टीम का हेड कोच बनाया गया. इस पद का कार्यभार इन्होंने अगस्त 2013 तक संभाला.  

जॉन राइट
न्यूजीलैंड के रिटायर्ड क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच जॉन राइट का घर का नाम 'शेक' हुआ करता था. न्यूजीलैंड के ओपनिंग बैट्समैन के रूप में खेल जगत में इनका सफर काफी जबरदस्त रहा. इन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय कोचिंग का सफर केंट काउंटी क्रिकेट क्लब से शुरू किया और 2000 में भारतीय क्रिकेट टीम के होड कोच के रूप में नियुक्त किए गए. इस जिम्मेदारी का पालन इन्होंने 2005 तक किया. इस दौरान भारतीय टीम में कई बड़े सुधार देखने को मिले. 2010 से 2012 तक इन्होंने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम का नेतृत्व किया. इसके अलावा इन्हें 2013 IPL में मुंबई इंडियंस का हेड कोच बनाया गया.  

डेव वॉटमोर
डेवनल फ्रेड्ररिक वॉटमोर एक पूर्व अन्तर्राष्ट्रीय आस्ट्रेलियाई क्रिकेट खिलाड़ी है और वर्तमान समय मे बांग्लादेश क्रिकेट टीम के कोच है. अपने छोटे अन्तर्राष्ट्रीय करियर मैं उन्होने मार्च 1979 से जनवरी 1980 तक 7 टेस्ट मैच और 1 एकदिवसीय मैच खेला. रिटायर्ड ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच वॉटमोर का 7 टेस्ट मैच और एक सिंगल ODI का बेहद छोटा इंटरनेशनल कॅरियर रहा. इन्होंने अपने अंतरराष्ट्रीय कोचिंग कॅरियर को सफर श्रीलंका नेशनल क्रिकेट टीम के साथ शुरू किया. इनके नेतृत्व में टीम ने 1996 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप जीता. इन्होंने 2003 से 2007 तक बांग्लादेश की नेशनल टीम के लिए हेड कोच की भी भूमिका निभाई. ये वॉटमोर ही थे जिनके नेतृत्व में 2005 में बांग्लादेश ने पहला टेस्ट मैच जीता था. इनको पाकिस्तान की ओर से भी 4 मार्च 2012 को कोच नियुक्त किया गया.

डंकन फ्लेचर
पूर्व जिम्बाबवे क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच डंकन फ्लेचर ने ही 1982 में जिम्बाबवे को ICC ट्रॉफी जितवाई थी. इन्होंने अपने कोचिंग कॅरियर का सफर 1999 में इंग्लैंड नेशनल क्रिकेट टीम के साथ शुरू किया. 2007 में अपना कार्यकाल खत्म होने तक इन्होंने इस टीम में काफी बदलाव किए और 2005 में टीम को बड़ी जीत दिलाई. 2007 में इन्होंने कॉमनवेल्थ बैंक सीरीज जीती. 2005 में फ्लेचर को ब्रिटिश अम्पायर की ओर से सम्मानित किया गया. इसके बाद इन्हें बतौर कोच 27 अप्रैल 2011 को भारतीय क्रिकेट टीम की कमान दी गई. फ्लेचर की कोचिंग के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 2013 में चैंपियंस ट्रॉफी को मिलाकर 8 अंतरराष्ट्रीय सीरीज जीती हैं.

एंडी फ्लावर
पूर्व जिम्बाबवे क्रिकेटर और प्राफेशनल क्रिकेट कोच एंडी को क्रिकेट के इतिहास में अब तक का सबसे बेहतरीन विकेट कीपर बैट्समैन माना जाता है. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इनके योगदान को काफी अहम माना जाता है. ये जिम्बाबवे के ऐसे इकलौते क्रिकेटर रहे हैं, जिन्हें 100 ऑल टाइम टेस्ट बैटिंग रैंकिंग्स में से एक चुना गया. इस रैंकिंग में इन्हें 31 वें स्थान पर जगह दी गई. इन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कोचिंग का सफर 2009 अप्रैल में इंग्िलश टीम में बतौर अस्सिटेंट कोच शुरू किया.

टॉम मूडी
रिटायर्ड ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच टॉम मूडी दो बाद ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप के प्लेयर रहे हैं. एक बार 1987 में और दूसरी बार 1999 में. 2002 से कई साल तक Worcestershire क्रिकेट क्लब के निदेशक की भूमिका निभाने के बाद इन्होंने अपना अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट कोचिंग का सफर 2005 में श्रीलंका की नेशनल क्रिकेट टीम के साथ शुरू किया. इनके नेतृत्व में टीम 2007 ICC क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल तक पहुंची. इसके बाद मूडी को मई 2007 में वेस्टर्न ऑस्ट्रेलियन एसोसिएशन सपोर्टेड टीम वेस्टर्न वॉरियर्स का हेड कोच नियुक्त किया गया. इनके नेतृत्व में टीम 2008 में KFC 20-20 बिग बैश के फाइनल्स में पहुंची. क्रिकेट कॅरियर के अलावा इन्होंने बिग बैश लीग के दौरान चैनल नाइन और चैनल टेन के लिए कमेंटेटर की भी भूमिका निभाई.

डेरेन लेहमन
रिटायर्ड ऑस्ट्रेलियन क्रिकेटर और प्रोफेशनल क्रिकेट कोच डेरेन ने ऑस्ट्रेलियन नेशनल टीम के लिए 27 टेस्ट और 117 ODI में अपनी अहम भूमिका दर्ज कराई. इन्होंने अपने क्रिकेट कोचिंग कॅरियर का सफर 2008 में ऑस्ट्रेलिया सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के साथ शुरू किया. इन्होंने 2009 से 2012 तक IPL में डेकन चार्जेस टीम के लिए हेड कोच की भूमिका भी निभाई. 2010 से 2011 तक KFC 20-20 बिग बैश के लिए क्वींसलैंड क्रिकेट टीम के कोच की भी जिम्मेदारी निभाई. 2013 में ये IPL के दौरान किंग्स इलेवन पंजाब टीम के कोच रहे. 2013 के बाद टीम की कमान संजय बंगर ने संभाल ली.  

माइक हेसन
न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के वर्तमान हेड कोच माइक अनुभव के आधार पर मॉर्डन क्रिकेट के सबसे बेहतरीन कोच माने जाते हैं. इन्होंने अतंरराष्ट्रीय क्रिकेट कोच के रूप में अपने कॅरियर का सफर 1996 में सात साल ओटागो क्रिकेट क्लब के निदेशक के अप्रेंटिस और बतौर सबसे नौजवान कोच के रूप में शुरू किया. उस समय यह सिर्फ 11 साल के थे. 2011 में इन्हें केन्या नेशनल क्रिकेट टीम का हेड कोच नियुक्त किया गया, लेकिन 2012 मई में ही इन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया. इन्होंने 2003 में आठ महीने के लिए अर्जेन्टीना नेशनल क्रिकेट टीम को भी कोच किया. 20 जुलाई 2012 को इन्हें न्यूजीलैंड नेशनल क्रिकेट टीम का हेड कोच बनाया गया. तब से अब तक वह अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कर रहे हैं.

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