तत्काल से ही लागू हो गया
रिजर्व बैंक आज रेपो रेट के ब्याज में की गई कटौती के संबंध में एक बयान जारी किया है. रिजर्व बैंक जनवरी 2014 से अपनी नीतिगत ब्याज दरें आठ प्रतिशत पर स्थिर रखे हुये था. जिसमें एलएएफ के तहत नीतिगत रेपो दर 8.0 प्रतिशत में 25 आधार अंक की कटौती करके 7.75 प्रतिशत करने का निर्णय हुआ है. यह निर्णय तत्काल से ही लागू हो गया है. आरबीआई ने हालांकि सीआरआर को चार प्रतिशत पर ही अपरिवर्तित रखने का फैसला किया है. वहीं रेपो दर में कटौती के बाद रिवर्स रेपो को समयोजित कर 6.75 प्रतिशत कर दिया गया है और एमएसएफ तथा बैंक दर 8.75 प्रतिशत कर दिया गया है. इस संबंध में आरबीआई ने कहा कि सीपीआई जुलाई 2014 से लगातार घटता जा रहा है. साथ ही सरकार ने अपने राजकोषीय घाटे के लक्ष्य के अनुपालन के प्रति प्रतिबद्धता जताई है.

रिवर्स रेपो को बरकरार रखेगा
बयान के मुताबिक फल-सब्जी और अनाज की कीमत में गिरावट और अंतरराष्ट्रीय जिंस विशेष तौर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट से मुद्रास्फीति उम्मीद से कमतर स्तर पर आ गई. आरबीआई ने बयान में कहा कि आरबीआई के शीर्ष अधिकारियों ने सार्वजनिक बातचीत में मध्यम अवधि मुद्रास्फीतिक लक्ष्य प्राप्त करना था. इसके साथ ही मौद्रिक नीति में नरमी की प्रक्रिया शुरू करने के प्रति प्रतिबद्धता जताई थी. मुद्रास्फीति जनवरी 2015 के लिए तय आठ प्रतिशत के लक्ष्य से काफी नीचे हो गई है. मौजूदा नीतिगत व्यवस्था में जनवरी 2016 तक मुद्रास्फीति के छह प्रतिशत से नीचे आने की उम्मीद है. आरबीआई ने कहा कि वह नकदी की स्थिति सामान्य बनाए रखने के लिए रोजाना परिवर्तनीय दर वाले रेपो और रिवर्स रेपो को बरकरार रखेगा. इसके अलावा यह भी कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित रखने के लिए यह सुनिश्चित करना आवश्यक होगा कि आने वाली तिमाहियों में उत्पादन में बढ़ोतरी वृद्धि में अनुमानित तेजी से अधिक होना जरूरी है.

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