-परमानेंसी के लिए होने वाला इंटरव्यू कैंसिल होने से थीं नाराज

-स्टेट वेलफेयर सेक्रेटरी सुनील वर्णवाल को भी घेरा

-सिविल सर्जन के साथ घंटों हुई बहसबाजी

-30 दिसंबर को तय किया गया इंटरव्यू का फाइनल डेट

JAMSHEDPUR : सोमवार को प्रपोज्ड इंटरव्यू के कैंसिल होने से नाराज रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ (आरसीएच) स्टाफ ने डीसी ऑफिस में जमकर हंगामा किया। उन्होंने वेलफेयर सेक्रेटरी सुनील कुमार बर्णवाल को भी रोक लिया, हालांकि उनके समझाने पर वे मान गईं। इसके बाद वहां पहुंची सिविल सर्जन को महिलाओं ने गेट पर ही रोक लिया।

इसलिए थीं नाराज

जानकारी के मुताबिक डिस्ट्रिक्ट में फ्क् आरसीएच वर्कर्स हैं। इन्हें परमानेंट करने के लिए सोमवार को डीसी ऑफिस में इंटरव्यू के लिए बुलाया गया था। हालांकि, इलेक्शन डिक्लियर होने और आचार संहिता लागू हो जाने के कारण यह इंटरव्यू टाल दिया गया। इसे टाले जाने से आरसीएच कर्मी काफी नाराज दिखीं। इससे पहले महिलाओं को वहां से जाने को कह दिया गया था, लेकिन वे वहां से टस से मस नहीं हो रही थीं।

वेलफेयर सेक्रेटरी को भी रोका

इस दौरान आरसीएच कर्मियों के एक प्रतिनिधिमंडल ने डीसी से मुलाकात भी की, लेकिन वहां से सही आश्वासन नहीं मिलने के कारण वे ऑफिस में ही जमी रहीं। इस दौरान उन्होंने अपनी नाराजगी भी जतायी। इस बीच समीक्षा बैठक के बाद बाहर निकल रहे स्टेट के वेलफेयर सेक्रेटरी सुनील कुमार वर्णवाल को भी महिलाओं ने रोकना चाहा, लेकिन उन्होंने कहा कि यह उनके विभाग का मामला नहीं है, वे डीसी से बात कर लें।

सिविल सर्जन का िकया घेराव

इस बीच सिविल सर्जन डॉ विभा शरण डीसी ऑफिस पहुंची। उन्हें देखते ही आरसीएच कर्मियों ने उन्हें घेर लिया और अपनी नाराजगी जताई। उनका कहना था कि कई महिलाएं दूर-दराज के क्षेत्रों से यहां पहुंची हैं, जिन्हें आने-जाने में काफी प्रॉब्लम होती है। काफी समझाने के बाद महिलाएं मानीं। सिविल सर्जन के डीसी से मिलने के बाद इंटरव्यू की अगली तारीख तय कर दी गई। इसके तहत अब परमानेंट करने के लिए होने वाला इंटरव्यू इलेक्शन के बाद यानी फ्0 दिसंबर को होगा। इसकी जानकारी होने के बाद ही आरसीएचकर्मी वहां से हटीं।

लगाया लापरवाही का आरोप

आरसीएच कर्मियों का कहना था कि स्टेट के कई डिस्ट्रिक्ट में उन्हें परमानेंट कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि नौ अक्टूबर को ही उनके डॉक्यूमेंट्स की भी जांच कर ली गई थी। इसके बावजूद जानबूझकर इंटरव्यू में देर किया गया। उन्होंने मामले में सिविल सर्जन पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया।