- 14वां राष्ट्रीय पुस्तक मेले का दूसरा दिन

- युवाओं की दिखी भीड़

LUCKNOW :

मोती महल लॉन में चल रहे दस दिवसीय राष्ट्रीय पुस्तक मेले के दूसरे दिन किताबों को लेकर लोगों में काफी दिलचस्पी देखने को मिली। हिंदी इंग्लिश के अलावा फ्रेंच जैपनीज डिक्शनरी भी लोगों को भा रही है। मेले में लगे बुक स्टॉलों पर सभी वर्गो के काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। मेले में बाल साहित्य, उपन्यास, कविता संग्रह, बायोग्राफी के साथ लोगों को चाइनीज, अमेरिकन किताबें भी काफी पसंद आ रही है।

100 रुपये में पांच बुक्स

राष्ट्रीय पुस्तक मेले में लगे प्रकाशकों के स्टॉलों पर साहित्य प्रेमियों का जमावड़ा लगा रहा। मेले में लगे स्टॉल पर 100 रुपये में पांच किताबें लोगों को काफी भा रही है। इसमें जासूसी से लेकर इंग्लिश नावेल मौजूद है। इसके अलावा बाल साहित्य व बच्चों की ज्ञानवर्धक किताबें भी है। मेले में देश के लगभग सभी प्रतिष्ठित प्रकाशन के स्टॉल लगें हुए है। जिसमें लोग अपनी मन पसंद किताबें खरीद रहे है।

मीर के साथ मजाज को भी पसंद कर रहे है लोग

कला, अदब और तहजीब के लिए मशहूर शहर के लोग शायरों के कायल है जिसके कारण स्टॉल पर लगी गालिब, जिगर मुरादाबादी, मजाज लखनवी , सरदार जाफरी, मीर तकी मीर, मुनव्वर राना, वसीम बरेलवी समेत कई मशहूर शायरों की किताबें मेले में मौजूद है जिसको लोग काफी पसंद कर रहे है। इसके अलावा गुलजार की लिखी हुईं किताब किनारा, रोमिला थापर का लिखा भारत का इतिहास, सुमित सरकार का लिखा आधुनिक भारत भी काफी पसंद किया जा रहा है। कलाम साहब की किताबों में भी लोगों की काफी दिलचस्पी है। मेले में साथ ही मशहूर साहित्यकार श्रीलाल शुक्ल का राग दरबारी, भगवती चरण का चित्रलेखा, सुधाकर अदीब का रंग राची, ममता कालिया की विश्व की श्रेष्ठ कहानियां, भीष्म साहनी की कमस, काशीनाथ सिंह की काशी का अस्सी, दिनकर का संस्कृति के चार अध्याय आदि के अलावा अमृत लाल नागर भगवती प्रसाद, यशपाल शर्मा, दुष्यंत आदि के उपन्यास भी लोगों को पसंद आ रहे हैं।

गर्मी से बेहाल दिखे साहित्य प्रेमी

पुस्तक मेले में मुख्य पंडाल में भारी उमस व गर्मी के चलते लोगों की भीड़ काफी कम नजर आई। वहीं खुले में लगे बुक्स स्टॉलों पर किताब प्रेमियों की संख्या काफी दिखी। शाम होते होते लोगों की भीड़ में इजाफा हुआ जो देर रात तक दिखा। संडे को काफी संख्या में साहित्य प्रेमियों के आने की उम्मीद लगाई जा रही है।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में हुआ कवि सम्मेलन

पुस्तक मेले में डॉक्टर से मिलिए कार्यक्रम में केजीएमयू की हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ वंदना ने लोगों को जोड़ों के दर्द और योग संबंधी परामर्श दिए, वहीं डॉ। यूएस पाल ने लोगों को दांतों के रोगों के संबंध में जानकारी दी.इसके बाद पुस्तक मेले में डॉ। राही मासूम रजा अकादमी के महामंत्री राम किशोर की पुस्तक धर्मनिरपेक्षता एवं राष्ट्रीय एकता का विमोचन हुआ। पुस्तक मेले में सुंदरम् संस्था की ओर से आयोजित काव्य गोष्ठी में कवियों ने अपनी चुनिंदा रचनाओं से साहित्य प्रेमियों को प्रभावित किया। वहीं पुस्तक मेले के पूर्व आयोजक उमेश ढल की याद में आस्मां की छांव मे अभियान की ओर से कवि डॉ आशुतोष बाजपेयी की अध्यक्षता में कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। जिसमें कवि हितेश शर्मा पथिक, योगेश पांडेय, स्वयं श्रीवास्तव, आदि ने काव्य पाठ किया। पुस्तक मेले के सांस्कृतिक पंडाल में आयोजित कार्यक्रम में नन्हें मुन्नों ने शानदार प्रस्तुति दी।

कोट

1. किताबों के लिए मैं कहीं भी जा सकता हूं, खुद भी लिखता रहता हूं और मेरा मानना है अच्छा लिखने के लिए अच्छा पढ़ना बहुत जरुरी है।

हाफीज किदवई

2. मुझे बायोग्राफी पढ़ना बहुत पसंद है, अच्छे लोगों की बायोग्राफी पढ़कर अपने अंदर आत्म विश्वास बढ़ता है।

मोहित

3. पुस्तक मेले में हर साल आता हूं। साहित्य मुझे बहुत ही पसंद है। कलाम साहब का बहुत बड़ा फैन हूं उनकी सारी किताबें मैंने पढ़ी हैं।

विनीत

4. कई किताबें मैनें पढ़ी है मुझे किताबों का बहुत शौक है वो आपको हकीकत से रुबरु कराती हैं।

रोहित