-आईआरसीटीसी ने दिया पैसेंजर्स को दिया नया ऑप्शन

-जर्नी करने वाले अपनी सीट पर पा सकेंगे ब्रांडेड कंपनियों का फूड आइटम

VARANASI

ट्रेन में जर्नी करने वाले पैसेंजर्स को अब भोजन के लिए परेशान नहीं होना होगा। आईआरसीटीसी ने रेडी-टू-ईट फूड की सुविधा अबेलेवल करा दी है। इसके तहत ट्रेंस और स्टेशंस पर ई-कैटरिंग सर्विस स्टार्ट की गई है। यानी कि अब पैसेंजर्स के पास रेडी-टू-ईट फूड का भी ऑप्शन होगा। खास बात यह कि इस सर्विस में आपको बहुत कम समय में मनपसंद भोजन मिल जाएगा। अपनी सीट से उठने की भी आवश्यकता नहीं है। ब्रांडेड कंपनियों का फूड आइटम आसानी से आपके सीट तक पहुंच जाएगा।

मिल रहा हाइजेनिक फूड

रेडी-टू-ईट फूड आइटम में पैसेंजर्स को साफ सुथरा और अच्छी गुणवत्ता का भोजन परोसा जाएगा। किसी भी हाल में वह अनहाइजनिक नहीं होगा। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि इस सर्विस में किसी तरह की कमी न रहे। अगर ऐसा पाया गया तो फूड प्रोवाइड कराने वाली एजेंसी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का प्रावधान भी शामिल है। बता दें कि ऐसे फूड आइटम को तैयार करके जीरो से ब्0 डिग्री सेंटीग्रेड टेप्रेचर पर रखा जाता है। जिससे उनमें जीवाणु नहीं पनप सकें। जब जरूरत हो तो उन्हें निकाल कर गर्म करके परोसा और खाया जा सकता है। इनमें आलू पराठा, मेथी या मूली पराठा, रोटी और नान भी सुलभ हैं। अन्य फूड आइटम में वेज कटलेट, फ्रेंच फ्राईज, समोसा जैसे नाश्ते के ढेरों ऑप्शन मौजूद हैं। खाने में पुलाव, मटर पनीर, पालक पनीर, दाल मक्खनी, छोले, कोफ्ता, शाही पनीर, नवरतन कोरमा, बिरयानी, आदि के साथ मांसाहारी व्यंजनों में मटन कोरमा, चिकन फिंगर, मटन हाटडाग, टिक्का कबाब आदि मिलते हैं।

कैटरिंग कंपनियों के फ्रोजन फूड भी

रेलवे ने पैसेंजर्स को बेहतर क्वालिटी का फूड आइटम अबेलेवल कराने के लिए केएफसी, डोमिनोज, हल्दीराम, बिट्ट् टिक्की वाला, फूड पांडा जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों को वेंडर-एग्रिगेटर के तौर पर पैनल में शामिल किया जा चुका है। इसके अलावा किसी तरह की कम्प्लेन या सुझाव दर्ज कराने के लिए एक हेल्पलाइन नंबर भी स्टार्ट किया गया है। रेलवे ने 'रेडी टू ईट फूड' के अलावा 'फ्रोजन फूड' उपलब्ध कराने का भी फैसला किया है। फिलहाल रेलवे में पुरानी भोजन व्यवस्था भी चलती रहेगी।

ट्रेन में जर्नी करने वाले पैसेंजर्स की सुविधा के लिए आईआरसीटीसी ने रेडी-टू-ईट फूड अबेलेवल करा रहा है। इससे उनको बेहतर फूड आइटम का ऑप्शन मिल गया है।

अश्वनी श्रीवास्तव

सीआरएम, आईआरसीटीसी