-फुटकर पैसों की किल्लत ने खड़ी कर दी बिल्डर के सामने विकट समस्या

- पुराने नोटों को बदलने के लिए लाइन में लग रहे मजदूर, प्रभावित हो रहे प्रोजेक्ट

Meerut । पांच सौ और हजार के नोटों पर बैन ने जहां आम आदमी के सामने संकट खड़ा कर दिया है, वहीं इससे प्रभावित रियल एस्टेट सेक्टर की हवा निकल गई है। रियल एस्टेट पर छाए संकट का सबसे बड़ा कारण लेबर का काम पर न आना है। खुले पैसे के चक्कर में लेबर काम छोड़कर बैंकों के सामने आ डटी है। जिससे रियल एस्टेट सेक्टर बुरी तरह पिछड़ गया है।

नकदी ने खड़ी की समस्या

दरअसल, रियल एस्टेट सेक्टर से जुड़ी विभिन्न साइट्स पर बड़े पैमाने में लेबर कंस्ट्रक्शन का काम करती है। इस तरह की लेबर में अधिकांश बाहरी प्रदेशों के लोग शामिल होते हैं, जो रोजाना की अपनी कमाई पर निर्भर रहते हैं। रोजमर्रा और घरेलू कामों के लिए लेबर को खुले पैसों की आवश्यकता होती है, जिसका भुगतान संबंधित बिल्डर या फिर कांट्रेक्टर द्वारा किया जाता है। अब जबकि हजार और पांच सौ के नोटों पर पीएम नरेन्द्र मोदी ने बैन लगा दिया है। ऐसे में लेबर के सामने खुले पैसों का संकट खड़ा हो गया है।

काम छोड़ लाइन में लेबर

रियल एस्टेट से जुड़े एक्सपर्ट के अनुसार विभिन्न सरकारी व गैर-सरकारी प्रोजेक्ट्स पर काम कर रही लेबर के अधिकांश लोगों ने काम छोड़ दिया है। जिसका सबसे बड़ा कारण बिल्डर्स और कांट्रेक्टर्स के पास खुले पैसों का बड़ा अभाव है। छुट्टे पैसों की चाह में मजदूर काम छोड़कर बैंकों के सामने लाइन में जाकर खड़े हो गए है। जिससे कई महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट्स पर काम बंदी जैसे माहौल हैं।

खाते न होने ने भी बढ़ाई समस्या

बिल्डर वरुण अग्रवाल ने बताया कि बैंकों में अधिकांश लेबर के खाते नहीं है। जिसके चलते उनके खातों में पैसा ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। वहीं यदि पैसा ट्रांसफर कर भी दिया जाए तो भी पैसा निकालने के लिए लेबर को काम छोड़कर लाइन में ही लगना होगा। वरुण ने बताया कि बड़े नोटों की पाबंदी से कई काम प्रभावित हो रहे हैं।

खुले रुपयों के चक्कर में लेबर के कई लोग काम पर नहीं आ रहे हैं। हालांकि किसी तरह बंदोबस्त कर उनको खुला पैसा दिया गया है, बावजूद इसके उनकी आवश्यकताएं पूरी नहीं हो पा रही हैं।

-अनुज त्यागी, कांट्रेक्टर

लेबर को छुट्टा पैसा न मिलने के कारण वो लोग काम छोड़कर बैंक की लाइन में जा लगे हैं। इससे काम प्रभावित हो रहा है।

-सचिन राजवंशी, बिल्डर आराध्या डेवलपर्स

कुछ योजनाओं में फ्लैट्स निर्माण कार्य चल रहा है। लेबर के अभाव में कई साइट्स पर काम बंद होने की सूचनाएं आई हैं। ऐसे में कांट्रेक्टर को विशेष निर्देश दिए गए हैं।

-शबीह हैदर, चीफ इंजीनियर एमडीए