reasons why trains get derailed in India
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7 कारण भारत में बार-बार पटरी से क्यों उतर जाती हैं ट्रेनें
भारत में पिछले एक महीने में चार रेल हादसे हो चुके हैं जो थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। कहीं ट्रेन पटरी से उतर जाती है तो कहीं ट्रेक पर डंपर से ट्रेन टकरा जाती है। ऐसे में बुधवार सुबह दिल्ली डिब्रूगढ़ राजधानी एक्सप्रेस गोल्डन गंज स्टेशन छपरा के पास ट्रेक से उतर गई। इस हादसे के पीछे माओवादियों का हाथ बताया जा रहा है। ऐसे में हम आप को ऐसे 7 कारण बताने जा रहे हैं जिनकी वजह से भारत में ट्रेन बारबार पटरी से उतर रही है। 

1- फिश प्लेट्स का प्रयोग ट्रेन ट्रेक में सेक्शन को जोड़ने के लिए किया जाता है। जिसमें कुछ छेद किए जाते हैं। जो सेक्शन के आखिर में रिपीट किए जाते हैं। इसे आयर बीम और कुछ बोल्ट की सहायता से जोड़ा जाता है। अगर समय से इन बोल्ट की रिपेयरिंग ना की जाए तो ये लूज होने लगते हैं जो कभी भी हादसे की वजह बन सकते हैं। इसे ट्रेन ट्रेक से उतर सकती है। 

2-  ट्रेन हादसों में इमरजेंसी ब्रेक्स भी एक बड़ी वजह हो सकती है। जब ट्रेन बहुत स्पीड में होती है और इमरजेंसी ब्रेक्स का प्रयोग किया जाता है तो ट्रेन के पहिए और पटरी के बीच फ्रिक्शन पैदा होता है जो हादसे की वजह बन सकता है। अक्सर बहुत अधिक रफ्तार में इमरजेंसी ब्रेक्स का प्रयोग करना ट्रेन और ट्रेन में बैठे सैकड़ों यात्रियों के लिए घातक साबित हो सकता है। 

3- रेल ज्वाइंट भी रेल हादसों की बड़ी वजह में से एक है। इनका ठीक से रख रखाव ना करना और समय पर मरम्मत ना करना ट्रेन हादसे की वजह बन सकता है। रेल ज्वाइंट में 2.5 से 3 सेंटीमीटर का स्पेस चाहिए होता है। कभी-कभी ये स्पेस कम होने लगता है जो रेल हादसों की वजह बना जाता है। इसलिए समय-समय पर रेलवे ट्रेक की जांच बहुत जरुरी होती है। 

4- रेल हादसों में ट्रेन की स्पीड का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। तेज रफ्तार अक्सर ट्रेन हादसो की वजह बन जाती है। भारत में ज्यादातर रेलवे ट्रेक काफी पुराने हैं। इनकी मरम्मत का काम भी ठीक से नहीं होता है जो हादसों की वजह बनता है। 

5- ट्रेनों को एक मार्ग से दूसरे मार्ग पर भेजने के लिए मैकेनिकल इंस्टालेशन का प्रयोग करना। जिससे ट्रेन को एक ट्रेक से दूसरे ट्रेक पर जाने के लिए गाइड किया जा सके। अक्सर रेलवे स्टेशनों पर जब ट्रेन आखिरी ट्रेक पर भेजी जाती है तो ट्रेक से उतर जाती है इसका कारण यही होता है। अगर ड्राइवर इस बात को नजरअंदाज करता है तो ट्रेन ट्रेक से उतर जाती है। 

6- अगर ट्रेन के पहियों की सही समय पर मरम्मत नहीं होती है तो वो जाम हो जाते हैं। ट्रेन के जाम पहियों के साथ ट्रेन को मोड़ना और स्पीड देना खतरे को दावत देना होता है। ऐसे में ट्रेन के ट्रेक से उतरने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इससे पहिए ट्रेक को भी खराब कर सकते हैं। 

7- जब इंजन ट्रेन पर अटैक करता है तो वो तेज रफ्तार में भागती है। इंजन का तेजी के साथ ट्रेन को पुश करना कभी-कभी हादसों की वजह बनता है। ऐसे में ट्रेन के ट्रेक से उतरने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

 

1- फिश प्लेट्स का प्रयोग ट्रेन ट्रेक में सेक्शन को जोड़ने के लिए किया जाता है। जिसमें कुछ छेद किए जाते हैं। जो सेक्शन के आखिर में रिपीट किए जाते हैं। इसे आयर बीम और कुछ बोल्ट की सहायता से जोड़ा जाता है। अगर समय से इन बोल्ट की रिपेयरिंग ना की जाए तो ये लूज होने लगते हैं जो कभी भी हादसे की वजह बन सकते हैं। इसे ट्रेन ट्रेक से उतर सकती है। 

 

2-  ट्रेन हादसों में इमरजेंसी ब्रेक्स भी एक बड़ी वजह हो सकती है। जब ट्रेन बहुत स्पीड में होती है और इमरजेंसी ब्रेक्स का प्रयोग किया जाता है तो ट्रेन के पहिए और पटरी के बीच फ्रिक्शन पैदा होता है जो हादसे की वजह बन सकता है। अक्सर बहुत अधिक रफ्तार में इमरजेंसी ब्रेक्स का प्रयोग करना ट्रेन और ट्रेन में बैठे सैकड़ों यात्रियों के लिए घातक साबित हो सकता है। 

 

3- रेल ज्वाइंट भी रेल हादसों की बड़ी वजह में से एक है। इनका ठीक से रख रखाव ना करना और समय पर मरम्मत ना करना ट्रेन हादसे की वजह बन सकता है। रेल ज्वाइंट में 2.5 से 3 सेंटीमीटर का स्पेस चाहिए होता है। कभी-कभी ये स्पेस कम होने लगता है जो रेल हादसों की वजह बना जाता है। इसलिए समय-समय पर रेलवे ट्रेक की जांच बहुत जरुरी होती है। 

 

4- रेल हादसों में ट्रेन की स्पीड का भी बहुत बड़ा हाथ होता है। तेज रफ्तार अक्सर ट्रेन हादसो की वजह बन जाती है। भारत में ज्यादातर रेलवे ट्रेक काफी पुराने हैं। इनकी मरम्मत का काम भी ठीक से नहीं होता है जो हादसों की वजह बनता है। 

 

5- ट्रेनों को एक मार्ग से दूसरे मार्ग पर भेजने के लिए मैकेनिकल इंस्टालेशन का प्रयोग करना। जिससे ट्रेन को एक ट्रेक से दूसरे ट्रेक पर जाने के लिए गाइड किया जा सके। अक्सर रेलवे स्टेशनों पर जब ट्रेन आखिरी ट्रेक पर भेजी जाती है तो ट्रेक से उतर जाती है इसका कारण यही होता है। अगर ड्राइवर इस बात को नजरअंदाज करता है तो ट्रेन ट्रेक से उतर जाती है। 

 

6- अगर ट्रेन के पहियों की सही समय पर मरम्मत नहीं होती है तो वो जाम हो जाते हैं। ट्रेन के जाम पहियों के साथ ट्रेन को मोड़ना और स्पीड देना खतरे को दावत देना होता है। ऐसे में ट्रेन के ट्रेक से उतरने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है। इससे पहिए ट्रेक को भी खराब कर सकते हैं। 

 

7- जब इंजन ट्रेन पर अटैक करता है तो वो तेज रफ्तार में भागती है। इंजन का तेजी के साथ ट्रेन को पुश करना कभी-कभी हादसों की वजह बनता है। ऐसे में ट्रेन के ट्रेक से उतरने का खतरा कई गुना बढ़ जाता है।

 

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