47वें दीक्षांत समारोह में सिर्फ डिग्री बंटी, स्टूडेंट्स में उत्साह नहीं

- ऑडिटोरियम के अंदर स्टूडेंट्स ने नहीं किया कोई सेलीब्रेशन

- कल्चरल फील्ड में वर्क करने के लिए सोहम आदला को मेडल

- बीटेक प्रोजेक्ट वर्क के लिए हिमांशु गुप्ता को प्रोफेसिएंसी मेडल

KANPUR:

आईआईटी के ब्7वें दीक्षांत समारोह में स्टूडेंट्स के अंदर जोश व जज्बा नहीं दिखा। किसी भी स्टूडेंट्स के गले में प्रेसीडेंट या फिर डायरेक्टर मेडल नजर नहीं आया। हालांकि दो छात्रों को मेडल मिले हैं। जिसमें से एक को कल्चरल फील्ड में जबरदस्त योगदान के लिए मेडल दिया गया है। वहीं बायो साइंस बायोटेक्नोलॉजी के मेरीटोरियस स्टूडेंट हिमांशु गुप्ता को बीटेक में बेस्ट प्रोजेक्ट वर्क के लिए मेडल दिया गया। आईआईटी ऑडिटोरियम के अंदर उस तरह का उत्साह देखने के नहीं मिला। जैसा कि आमतौर पर आईआईटी के दीक्षांत समारोह में देखने को मिलता है। दीक्षांत समारोह के चीफ गेस्ट भारतीय गुणवत्ता परिषद के चेयरमैन आदिल जैनुल भाई ने जब अपनी स्टोरी शेयर की तो हाल में एक दो बार ठहाके लगे।

इस दीक्षांत समारोह में दो पूर्व आईआईटियंस डॉ। राकेश कुमार जैन और डॉ। टीवी रामाकृष्णन को डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। स्टूडेंट्स मे सोहम आदला और हिमांशु गुप्ता को इयर ख्0क्ब् का प्रोफेसिएंसी मेडल दिया गया है.इस प्रोग्राम में भ्क्0 स्टूडेंट्स को डिग्री प्रदान की गईं। प्रोग्राम में डायरेक्टर प्रो। इन्द्र नील मन्ना ने संस्थान की डेवलपमेंट रिपोर्ट पेश की। इस मौके पर बीओजी चेयरमैन प्रो। एम आनंद कृष्णन, डिप्टी डायरेक्टर प्रो। अजीत चतुर्वेदी, डीन ऑफ एकेडमिक अफेयर प्रो। नीरज मिश्रा, प्रो। प्रभात मुंशी, यदुपति सिंहानिया मौजूद रहे।

जॉब न छोड़ने की कसम खाई

प्रोग्राम का इनॉग्रेशन चीफ गेस्ट इंडियन क्वालिटी काउंसिल के चेयरमैन आदिल जैनुल भाई ने दीप जलाकर किया। उन्होंने कहा कि असफलता से घबराना नहीं चाहिए। सपने जैसे जैसे सच होते जाए आप नये सपने देखें और उन्हें सफल बनाने की दिशा में काम करें। आईआईटी से डिग्री लेने के बाद विदेश जाने का सपना देखा। अमेरिका में एमबीए किया। इसके बाद अच्छी जाब का सपना देखा। सौ कंपनी में अप्लाई किया 99 जगह रिजेक्ट हो गए लेकिन मैकेंजी में जॉब मिली तो कसम खाई कि अब जॉब नहीं छोड़ेंगे। इस कंपनी में फ्ब् साल काम किया।

आईआईटी के साथ रिसर्च वर्क करेंगे

अमेरिका से आए डॉ। राकेश जैन ने बताया कि आईआईटी के डायरेक्टर प्रो। इन्द्र नील मन्ना से ब्रेन ट्यूमर व कैंसर रिसर्च पर एक साथ काम करने की बात की। अगर सब कुछ ठीक रहा तो आईआईटी से हाथ मिलाने से देश को फायदा मिलेगा। कैंसर में इम्यून थेरेपी पर जो काम किया गया वह रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद साबित हो रहा है.अमेरिका में इम्यून थेरेपी से रोगियो का ट्रीटमेंट किया जा रहा है। नैनो टेक्नोलॉजी के माध्यम से जो ड्रग डिलीवरी सिस्टम बनाया गया था। वह बहुत कारगर साबित नहीं हुआ है।

यूपी में अभी काम नहीं करेंगे

भारतीय गुणवत्ता परिषद के चैयरमैन आदिल जैनुल भाई ने बताया कि सर्विस व प्रोडक्ट की सर्विसेज इंडिया में बहुत खराब हैं। करीब तीन महीने पहले ही उन्हें इसकी जिम्मेदारी मिली है। कर्नाटका स्टेट की सर्विसेज और क्वालिटी को सुधारने की दिशा में काम शुरू किया जा रहा है। वोटर कार्ड, आधार कार्ड या फिर राशन कार्ड बनाने की क्वालिटी और टाइम की कोई लिमिट नहीं है। इस पर अब फोकस किया जा रहा है कि क्वालिटी के साथ साथ अच्छी सर्विस दी जाए। जिससे आम पब्लिक को राहत मिलेगी। जब यूपी पर सवाल किया गया तो वह बोले अभी यूपी में काम नहीं करेंगे।

इतनी डिग्री दी गई

पीएचडी - 7फ्

एमटेक ख्फ्0

बीटेकएमटेक - 9ब्

एमबीए 0भ्

एमडेस क्ब्

एमएससी क्0

एमएससी भ् इयर- क्फ्

बीटेक 7क्