-प्रधानी चुनाव में बढ़ा वोटिंग का परसेंटेज, मगर छोटे जिलों से भी रह गए पीछे

-74 जिलों में वोटिंग के मामले में बनारस 65वें नंबर पर

VARANASI

प्रधानी चुनाव के पहले चरण में वोटिंग का रिकॉर्ड तो बना मगर प्रदेश में बनारस काफी पीछे रह गया। छोटे जिले हो या नक्सली प्रभावी, सभी जगह मतदाता झूम कर निकले। 7ब् जिलों में हुए मतदान में बनारस म्भ्वें स्थान पर है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि भले ही बनारस में मेट्रो का प्रस्ताव आने से वह कोलकाता, दिल्ली के बराबर नजर आएगा। मोदी का संसदीय क्षेत्र होने के साथ स्मार्ट सिटी बनने से विकास होगा। मगर लोकतंत्र के इस महोत्सव में बनारस अब भी काफी पीछे है। इसके लिए जागरूकता जरूरी है।

पिछले चुनाव से बढ़ रहा मतदान

बनारस में भी लोकतंत्र का उत्साह नजर आ रहा है। हर चुनाव में वोटिंग परसेंटेज का ग्राफ बढ़ रहा है, मगर अन्य जिलों की अपेक्षा रफ्तार काफी धीमी है। दो माह पहले जिला पंचायत सदस्य के लिए हुए चुनाव में पहले दो चरण में भ्8.ख्म् परसेंट वोटिंग हुई थी। जबकि प्रधानी चुनाव में यह ग्राफ बढ़कर म्7.80 परसेंट पहुंच गया। जिला प्रशासन को उम्मीद है कि प्रधानी चुनाव के अगले फेज में वोटिंग परसेंट का ग्राफ और बढ़ेगा।

जिला छोटा, पर उत्साह ज्यादा

कई जिले छोटे और सुविधा कम होने के बावजूद वहां के लोगों में मतदान का उत्साह जबरदस्त देखने को मिला। फिर चाहे लखनऊ और कानपुर के बीच विकास की बांट जोह रहा उन्नाव हो या फिर नक्सलियों से प्रभावित चंदौली। उन्नाव में जहां 80.ब्म् परसेंट वोटिंग हुई, वहीं चंदौली में यह ग्राफ 8ख् परसेंट रहा। इसी तरह अन्य छोटे जिलों में भी मतदान का ग्राफ अच्छा रहा। हमीरपुर में 78.क्8 परसेंट, एटा में 7भ्.फ्क् परसेंट, शामली में 7ब्.8फ् परसेंट, बांदा में 70.फ् परसेंट, मऊ में 7क्.ब् परसेंट, हरदोई में 7ब्.ब्ख् परसेंट, मैनपुरी में 7ब्.म्8 परसेंट और कासगंज में 7ब्.म्9 परसेंट वोटिंग हुई।

इन जिलों में झूमकर निकले मतदाता

जिले - वोटिंग (परसेंटेज)

ललितपुर - 8फ्.7ब्

पीलीभीत - 8ख्.म्भ्

बरेली - 8ख्.ब्क्

लखीमपुर खीरी - 8ख्.फ्

चंदौली - 8ख्

अमरोहा - 8क्.8भ्

मुरादाबाद - 8क्.भ्क्

सहारनपुर - 8क्.फ्फ्