- 45 सौ अपात्रों को पहली किस्त जारी, जांच रिपोर्ट मिलने पर वसूली के आदेश

BAREILLY:

बेसहारों को एक अदद छत देने के लिए केंद्र की कल्याणकारी योजना फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ गई। पूर्व में हुई शिकायतों पर हुई जांच में करीब डेढ़ हजार से ज्यादा लोगों के अपात्र पाया गया है। इन सभी को रिकवरी नोटिस जारी करने के आदेश सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने दिए हैं। साथ ही, परियोजना निदेशक डीआरडीए वीरेंद्र कुमार को रिकवरी न देने वाले लोगों पर सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं। फ्राइडे को भुता, दमखोदा, नवाबगंज के करीब 3 सौ अपात्रों को नोटिस जारी किए गए।

डेढ़ हजार मिले हैं फर्जी

दो वर्ष पहले शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना के प्रथम चरण में 56 सौ लोगों को वर्ष 2011 की आर्थिक एवं सामाजिक जनगणना के आधार पर कंप्यूटर ने ऑटोमेटेड टेक्नीक से चयनित किया, जिसकी सूची केंद्र सरकार को भेज दी गई थी। इसमें प्रदेश सरकार की आरक्षण प्रक्रिया भी लागू थी। जिसमें सत्ता परिवर्तन के बाद संशोधन किया गया था। शेष 45 सौ को चयनित किया गया। चयन के बाद सत्यापन के दौरान सचिव और प्रधान ने अपात्रों को भी आवास देने के लिए ओके की मुहर लगा दी। इसी दौरान कई लोगों ने चयन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए अधिकारियों से शिकायत की, जिसकी जांच डीपीआरओ को दी गई। जांच पूरी होती इससे पहले ही शासन के आदेश पर प्रथम किस्त जारी कर दी गई। जांच रिपोर्ट में लगभग डेढ़ हजार अपात्रों का चयन होने की बात सामने आई तो विभाग में हड़कंप मच गया। सचिव और प्रधानों को नोटिस जारी कर जांच के आदेश दिए हैं। साथ ही अपात्रों को जारी हुई रकम की रिकवरी के आदेश दिए गए हैं।