-फर्जी आरसी/कुर्की पत्र जारी कर बकाएदार से कर रहे अवैध वसूली

-तहसील के कमचारियों की मिलीभगत से चल रहा बड़ा खेल

-डीएम ने लिया गोरखधंधे पर संज्ञान, एसडीएम को दी जांच

Meerut : अफसरों की नाक के नीचे बड़े गोरखधंधों को अंजाम दिया जा रहा है दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जिला प्रशासन के एक ऐसे भ्रष्टाचार से परदा हटाया है, जिसे तहसील सदर के कर्मचारी अंजाम दे रहे हैं। अफसर के फर्जी हस्ताक्षर से आरसी जारी कर बड़े बकाएदारों से अवैध वसूली हो रही है। डीएम ने इस पर संज्ञान लेकर एसडीएम को जांच सौंपी है।

तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर

विभिन्न विभागों के दस लाख से ऊपर के बकाएदारों के खिलाफ डीएम अनिल ढींगरा की ओर से ताबड़तोड़ आरसी (वसूली प्रमाणपत्र) जारी की जा रही हैं तो वहीं तहसील सदर में कर्मचारी इस कार्यवाही को भुना रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट के हाथ लगी इस आरसी में तहसीलदार संतोष कुमार के फर्जी हस्ताक्षर करके एमडीए के बड़े बकाएदार मै। सनसाईन इन्फ्रा के खिलाफ वसूली प्रमाणपत्र (आरसी) जारी किया गया है। डीएम के आदेश का हवाला देते हुए नोटिस में भुगतान न करने पर संपत्ति को सील अथवा कुर्क करने का जिक्र किया गया है। तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से 10 मार्च को जारी इस नोटिस में बकाएदार की रिकवरी 3 करोड़ 26 लाख 40 हजार 442 रुपए दर्ज है। करोड़ों की इस फर्जी आरसी पर सदर तहसील के कर्मचारी (संग्रह अमीन) बकाएदार से लाखों वसूल रहे हैं।

लाखों का चढ़ावा

दावों पर यकीन करें तो तहसील सदर में कुछ कर्मचारी इसी काम में लगा हुआ है। डीएम कार्यालय की ओर से जितने भी वसूली आदेश आते हैं उन्हें कब्जे में लेकर बकाएदार से मोटी रकम लेकर रिकवरी को टालते हैं। जिस आरसी का जिक्र ऊपर किया गया है, वो संबंधित क्षेत्र का संग्रह अमीन बकाएदार तक नहीं ले गया, बल्कि गोरखधंधे में लगा संग्रह अमीन आरसी लेकर बकाएदार तक पहुंचा। सूत्रों का कहना है कि करोड़ों की रिकवरी में बकाएदार तक आरसी ले जाने और सेटिंग करने का काम इसी कॉकस का है। कई और बड़े बकाएदारों से अवैध उगाही की सूचना भी मिली है।

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'मेरे नहीं है हस्ताक्षर'

फर्जी आरसी को जब तहसीलदार मेरठ सदर संतोष कुमार के समक्ष रखा गया तो उन्होंने एक नजर में ही बता दिया कि ये साइन (हस्ताक्षर) उनके नहीं हैं। हालांकि परिसर में ही हो रहे बड़े गोरखधंधे की जानकारी से उन्होंने इनकार कर दिया।

हो रही जांच-पड़ताल

प्रकरण संज्ञान में आने पर डीएम अनिल ढींगरा ने प्रधान राजस्व लिपिक राजीव कपिल को स्थिति स्पष्ट करने के आदेश दिए तो वहीं गोरखधंधे की जांच एसडीएम निशा अनंत को सौंपी है। फिलहाल करोड़ों रुपये के बकाए की 2 आरसी तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से जारी कर बकाएदार से उगाही के सबूत जिला प्रशासन को मिले हैं।

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सदर तहसील के तहसीलदार के फर्जी हस्ताक्षर से आरसी जारी करने का प्रकरण संज्ञान में आया है। एसडीएम को जांच के निर्देश दिए गए हैं। आरोप की पुष्टि पर संबंधित संग्रह अमीन के खिलाफ कार्रवाई होगी।

-अनिल ढींगरा, डीएम, मेरठ