- केदारनाथ से चार किमी पहले स्थित है गरुड़चट्टी

- पीएम ने अपने भाषण में गरुड़चट्टी का किया था जिक्र

DEHRADUN: सब कुछ ठीक-ठाक रहा तो आने वाले सालों में केदारनाथ से चार किमी पहले गरुड़चट्टी के दिन बहुरेंगे। दरअसल, पिछले दिनों केदारनाथ दौरे के दौरान खुद पीएम मोदी ने भी अपने भाषणों में गरुड़चट्टी का जिक्र किया था। जबकि उनके जाने के बाद पीएम के भाई भी रामानंद संत आश्रम पहुंचे थे। इसके बार संभावनाएं बन रही हैं कि गरुड़चट्टी में आश्रम नए अंदाज में नजर आएगा।

आपदा के बाद नहीं कनेक्टिविटी

ख्0क्फ् की आपदा से पहले बाबा केदारनाथ जाने के पड़ाव में गरुड़चट्टी आश्रम स्थित था, लेकिन केदारनाथ तबाही के बाद अब केदारनाथ रूट बदल चुका है और गरुड़चट्टी पुराने रास्ते में ही मौजूद है। वर्तमान समय में यहां पहुंचने के लिए कामचलाऊ लकड़ी के पुल का सहारा लिया जाता है। बताया जाता है कि कभी पहले पीएम मोदी गरुड़चट्टी रामानंद संत आश्रम में पहुंचे थे। यही वजह रही कि पिछले दिनों केदारनाथ के कपाट बंद होने की पूर्व संध्या पर जब पीएम मोदी केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो की आधारशिला रखने के लिए केदारनाथ पहुंचे थे, तब उन्होंने गरुड़चट्टी का भी जिक्र किया था।

कनेक्टिविटी को बनेगा पुल

बीती ख्7 अक्टूबर को पीएम मोदी के भाई पंकज मोदी भी स्वामी रामानंद संत आश्रम में महंत स्वामी अब्राहम दास त्यागी के साथ आश्रम पहुंचे। ऐसे में अब बताया जा रहा है कि आश्रम को जोड़ने व धार्मिक दृष्टिकोण से महत्व देने के लिए जल्द ही आश्रम तक पुल का निर्माण हो सकता है। जिससे वहां तक श्रद्धालु पहुंच सकें। केदारनाथ कंस्ट्रक्शन टीम के मेंबर सोबन बिष्ट के मुताबिक केदारनाथ आपदा से पहले केदारनाथ यात्रा मार्ग पर आश्रम श्रद्धालुओं का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन आपदा के बाद कनेक्टिविटी नाम मात्र की रह गई है। आश्रम के पास ही हनुमान गुफा भी है, जो श्रद्धालुओं के लिए कभी आकर्षण का केंद्र हुआ करती थी। अब जब पीएम मोदी ने गरुड़चट्टी का जिक्र किया है तो आश्रम को बड़े स्तर पर निखारे जाने की संभावनांए बन रही हैं।