ALLAHABAD: जमीनों की रजिस्ट्री के लिए अब आपको सब रजिस्ट्रार के कार्यालय के चक्कर नहीं काटने होंगे और न ही बाबुओं को रिश्वत देनी होगी। पासपोर्ट की तर्ज पर घर बैठे कार्यालय में रजिस्ट्री की तारीख मिल जाएगी। आपको बस संबधित तिथि में सब रजिस्ट्रार कार्यालय पहुंचकर अपनी रजिस्ट्री करानी होगी। इस प्रॉसेस में रजिस्ट्री से संबंधित अधिकतर काम ऑनलाइन ही किए जा सकेंगे।

 

बस थोड़ा सा इंतजार

एक नवंबर से जिले में ऑनलाइन रजिस्ट्री की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। फिलहाल पायलट प्रोजेक्ट के तहत प्रदेश सरकार तीन अक्टूबर से सूबे के आठ जिलों में यह प्रक्रिया शुरू करने जा रही है। इसके बाद एक नवंबर से पूरे प्रदेश में ऑनलाइन जमीनों की रजिस्ट्री हो सकेगी। ऐसे में लोग रजिस्ट्री के लिए आवेदन, स्टांप की खरीद समेत ज्यादातर काम ऑनलाइन कर सकेंगे। स्टांप एंड रजिस्ट्रेशन विभाग द्वारा ई-रजिस्ट्री को प्रमोट किया जा रहा है।


ऐसे होगी ऑनलाइन रजिस्ट्री

किसी प्रॉपर्टी की रजिस्ट्री से पहले खरीदार को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।

आवेदन में खरीदार जो ऑनलाइन जानकारी देगा, उसके आधार पर स्टांप ड्यूटी भी तत्काल तय हो जाएगी।

आवेदक ऑनलाइन स्टांप फीस जमा करवा सकता है।

आवेदन का प्रॉसेस पूरी होने के बाद पासपोर्ट की तर्ज पर रजिस्ट्री के लिए एक तारीख(अपॉइंटमेंट) मिल जाएगी।

आवेदक को एसएमएस के जरिए इसकी जानकारी मिल जाएगी।

तय तारीख और समय को सब-रजिस्ट्रार के सामने उपस्थित होकर रजिस्ट्री करवाई जा सकेगी।

ऑनलाइन स्टांप खरीदने पर खरीदार को एक कोड मिलेगा। इस कोड को संबंधित तिथि पर सब रजिस्ट्रार के सामने पेश करना होगा।

क्रेता और विक्रेता के अंगूठे के निशान और भौतिक सत्यापन का काम संबंधित सब रजिस्ट्रार दर्ज कराकर रजिस्ट्री की प्रक्रिया को शुरू कर देगा।

मिलेगी काफी राहत

इलाहाबाद के सभी नौ तहसीलों में हर माह 4500 से 5000 रजिस्ट्री होती है।

हर तहसील के सब रजिस्ट्रार ऑफिस पर प्रतिदिन आठ से दस रजिस्ट्री आमतौर पर होती है।

इसके लिए सुबह से शाम तक लगी रहती है भीड़।

एक रजिस्ट्री में दो घंटे तक का समय लग जाता है।

जल्दी काम कराने के लिए बाबुओं और अधिकारियों के चक्कर भी काटने पड़ते हैं।

रजिस्ट्री ऑफिस में घूसखोरी पर लगेगी लगाम।

 

ऑनलाइन में पहचान का पेंच

जिले में आनलाइन बैनामे की राह में विभाग के अफसरों के सामने फर्जीवाड़ा रोकना चुनौती साबित होगी। जमीन के असल मालिक की जगह दूसरे के द्वारा बैनामा करने के मामले हमेशा प्रकाश में आते रहते हैं। ऐसे मामलों में आए दिन बैनामे निरस्त होते रहते हैं। सभी मामलों में फर्जी पहचान पत्र और गवाह का सहारा लिया जाता है। ऑनलाइन बैनामों में भी ऐसे पहचान पत्रों की जांच हो पाना मुश्किल साबित होगा।

ई-रजिस्ट्री शुरू होने के बाद लोगों का समय बचेगा। कई जरूरी काम घर बैठे ऑनलाइन पूरे किए जा सकेंगे। एक कोड नंबर मिलेगा, जिसे लेकर कार्यालय में आना होगा। इसके बाद फटाफट रजिस्ट्री पूरी हो जाएगी। इससे हमारे कार्यालय की भी मेहनत और समय की बचत होगी।

नवीन कुमार, सदर द्वितीय, उप निबंधक