नसीरुद्दीन शाह को अपने फादर आले मोहम्मद शाह के साथ काम्पिलिकेटेड रिलेशन का दर्द आज भी हांट करता है.  हाल ही में रिलीज हुई अपनी बॉयोग्राफी 'ऐंड दैन वन डे' में उन्होंने लिखा है कि किस तरह उनके पिता के साथ उनका एक्च्युअल ओपन कंवरसेशन उनकी ग्रेव पर जाकर हुआ. नसीर कहते हैं कि एक दूसरे के लिए अफेक्शन होने के बावजूद एज फादर और सन उनके रिलेशन नार्मल या कम्युनिकेबल नहीं थे. उनकी आटोबॉयोग्राफी में ये कसक पूरे टाइम दिखती है. नसीर की ऑयोग्राफी उनकी इनिशियल लाइफ और बतौर एक्टर खुद स्टैब्लिश और प्रूव करने के की कहानी है. जिसमें इस तकलीफ की चुभन दिखती है कि उनके एक्टर बनने के ड्रीम को उनके फादर ने कभी एक्सेप्ट नहीं किया.

 

इस बुक में नसीर ने उस दिन को भी याद किया है जब वो अपने फादर के लास्ट मोमेंट में उनके पास नहीं पहुंच सके थे क्योंकि वो अपनी फ्लाइट बोर्ड करने की अपनी अर्जेंसी एयालाइंस स्टाफ को नहीं समझा सके थे. फाइनली जब वो अपने नेटिव प्लेस सरधना में अपने फादर की ग्रेव पर पहुंचे और उनसे अपना फर्स्ट एक्च्युअल कम्युनिकेशन किया. उस दिन नसीर ने उनसे उस फिल्म के बारे में बात की जिसे उन्होंने तभी कंप्लीट किया था. उनको लगा कि उस फिल्म में एक शेव्ड हेड हिंदू पुजारी के उनके करेक्टर पर उनके फादर ने एम्यूस्ड फील किया था.  

 

नसीर ने उन्हें अपने ड्रीम्स और डाउट्स के बारे में बताया और अपनी वाइफ रत्ना के बारे में भी बताया जिससे वह कभी नहीं मिले थे. उन्होंने अपनी अर्निंग्स के बारे में भी शेयर किया. नसीर का कहना है कि उन्हें पूरा बिलीव था कि उनके फादर उनकी बात सुन रहे थे और आंसर भी कर रहे थे. यह एक एक्च्युअल  कनवरसेशन था जिसका इनिशियेटिव नसीर ने लिया था, और अचानक उन्हें फील हुआ कि उनका ऐसा लास हो गया है जिसकी भरपाई कभी नहीं होगी और उन्हें सडनली सरप्राइज लगा कि वो अपने फादर को कितना मिस करने लगे थे.

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