-विधानसभा अध्यक्ष की करीबी भी कर रही हैं प्रदर्शन

-सिर्फ 80 रुपए रोजना मिलता है आदेशपाल व रसोइया को

PATNA: लालपरी देवी पिछले सात दिनों से आर ब्लॉक चौराहे पर धरना दे रही हैं। लालपरी देवी चार बहनों में सबसे छोटी हैं। बड़ी बहन शांती देवी हैं, जो सीएम जीतन राम मांझी की पत्‍‌नी हैं। लालपरी देवी कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय तरोवा में आदेशपाल हैं, वहीं विद्यावती सिंह विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी की करीबी हैं।

सात दिनों से धरना पर

कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ पिछले सात दिनों से आर ब्लॉक चौराहे पर धरना दे रही हैं। इस धरने में सीएम के गृह जिला गया के क्ब्8 कर्मियों के नौकरी बचाने का सवाल प्रमुख है। मालूम हो कि कस्तूरबा विद्यालय की व्यवस्था सरकार वैसी बच्चियों के लिए की थी, जिनकी पढ़ाई संसाधन और सुविधा के अभाव में छूट जाती थी। ऐसी बच्चियों के लिए ही आवासीय विद्यालय की व्यवस्था की गयी। पूरे बिहार में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की संख्या म्फ्भ् है और इसमें लगभग चार हजार कर्मी कार्यरत हैं। इन विद्यालयों में ख्8 सेप्टेंबर ख्007 के बाद जिनकी नियुक्ति गया जिले में हुई हैं, उन्हें अवैध घोषित कर दिया गया है।

करनी विभाग की, भुगत रहे कर्मी

कर्मियों का कहना है कि हमलोगों का चयन सभी मापदंडों और प्रक्रिया को पूरी करने के बाद किया गया था। कर्मियों का आरोप है कि जिला कार्यक्रम पदाधिकारी और जिला समाख्या की आपसी रंजिश का खामियाजा हमलोग भुगत रहे हैं। जिला शिक्षा पदाधिकारी गया ने इस नियुक्ति को ख्ब् जनवरी ख्0क्फ् को अवैध माना और इनकी नियुक्ति को रद्द कर दिया गया। इसके बाद महिला समाख्या ने ख्8 जनवरी ख्0क्फ् को इन्हें वैध मानते हुए सभी वार्डेन को फिर से काम पर लगा दिया। मामला यहीं नहीं रुका, इसके बाद गया समाहरणालय ने ख् जनवरी ख्0क्ब् को जारी अपने पत्र में इनकी नियुक्ति को अवैध करार दिया और इनके नियोजन को रद्द कर दिया। विद्यावती सिंह कहती हैं कि इसके बाद हमलोग हाई कोर्ट चले गए, लेकिन जिला शिक्षा पदाधिकारी के आश्वासन के बाद अपना केस वापस ले लिया। हमारी गलती बस इतनी है कि हमने मौखिक आश्वासन पर भरोसा कर लिया।

मिलता रहा मानदेय

ख्0क्फ् में जब इनकी नियुक्ति रद्द की गयी थी, इसके बाद भी ये क्ब्8 कर्मी काम करते रहे और इन्हें मानदेय भी मिलता रहा। इन कर्मियों को दिसंबर क्फ् तक मानदेय मिला है। इसके बाद से इन्हें मानदेय मिलना बंद है। इस क्ब्8 कर्मियों में ब्ब् रसोइया और ख्ख् आदेशपाल हैं। आदेशपाल और रसोइया 80 रुपए रोजना पर काम लिया जा रहा है। इन कर्मियों का कहना है कि इस मंहगाई में हमलोगों से चौबीस घंटे काम के एवज में मात्र 80 रुपया दिया जाता है, वह भी जुलाई महीने से ही नहीं मिला है।

क्या-क्या है मांग

इन कर्मियों की मांग है कि सितंबर ख्007 के बाद बहाल कर्मियों की सेवा नियमित कर छंटनी वापस ली जाए। 80 रुपए रोजाना पर काम लेना बंद किया जाए और जनवरी ख्0क्ब् से बकाया मानदेय का भुगतान हो, साथ ही मानदेय की राशि भी बढाने की मांग ये कर्मी कर रहे हैं।

जो दू गो पैसा मिलता था, उहो बंद हो गया है। जे नौकरी के लिए लोग तरसता है, उहो खतम हो रहा है। हम उनको (जीतनराम मांझी को) दी तीन बार कहे, पर अभी तक कहां कुछ हुआ है।

लालपरी देवी, सीएम की साली

चौधरी साहब से हमारा पारिवारिक संबंध है। इस मामले को लेकर उनके पास भी गए, पर आजतक कुछ भी नहीं हुआ है। हमारी नियुक्ति लीगल प्रक्रिया के तहत हुई है। विभागीय त्रुटी का खामियाजा हम कर्मियों को भुगतना पर रहा है।

कुमारी विद्यावती सिंह, सचिव, बिहार राज्य कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय संघ