- हायर एजूकेशन ने लेटर भेज मांगा समस्याओं का ब्यौरा

- स्टेट में पहली बार होने जा रही वीसी बैठक में होगी चर्चा

DEHRADUN : स्टेट की हायर एजूकेशन के खस्ता हालातों के लिए आखिरकार सरकार का दिल पिघल ही गया। स्टेट हायर एजूकेशन ने यूनिवर्सिटी से उनके दर्द का मरहम जानने का प्रयास किया है, जिसके तहत सभी यूनिवर्सिटीज से उनकी प्रॉब्लम्स का ब्यौरा मांगा गया है। डिपार्टमेंट के इस लेटर के बाद यूनिवर्सिटीज को संसाधनों, स्टूडेंट्स स्ट्रेंथ, फैसिलिटीज, टीचर्स की संख्या जैसे तमाम समस्याओं का ब्यौरा डिपार्टमेंट को देना होगा, ताकि इन सभी समस्याओं पर जल्द होने वाली स्टेट यूनिवर्सिटी वीसीज मीटिंग में चर्चा की जा सके। खास बात यह कि यह मीटिंग स्टेट में पहली बार होगी।

विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी

स्टेट की हायर एजूकेशन मिनिस्टर यूनिवर्सिटीज में सुधार को लेकर जल्द वीसी कॉन्फ्रेंस बुला सकती है। इससे पहले हायर एजूकेशन डिपार्टमेंट ने स्टेट की सभी यूनिवर्सिटीज से विभिन्न बिंदुओं पर जानकारी मांगी है। लेटर के साथ डिपार्टमेंट ले एक परफोर्मा भी तैयार कराकर भेजा है। यूनिवर्सिटीज को इसी फॉर्मेट में जानकारी देनी होंगी। जानकारों का मानना है कि डिपार्टमेंट की यह पहल जल्द होने वाली वाइस चांसलर्स की कॉन्फ्रेंस के लिए की गई है।

यूनिवर्सिटीज का दर्द जानने का प्रयास

खास बात यह कि यह मीटिंग स्टेट में फ‌र्स्ट टाइम ऑर्गनाइज की जा रही है, जिसके लिए डिपार्टमेंट ने यूनिवर्सिटीज से उनका दर्द भी जानने का प्रयास किया है। ताकि इन तमाम समस्याओं के लिए कॉन्फ्रेंस में चर्चा व निर्णय लिए जा सके। डिपार्टमेंट की इस पहल का कारण कोई भी हो लेकिन इस पहल के बाद यूनिवर्सिटीज को व्यवस्था सुधार में मदद मिलने की संभावनाएं प्रबल नजर आ रही हैं।

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हायर एजूकेशन से लेटर मिल चुका है। रजिस्ट्रार को इसे लेकर डीटेल्स तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। डिपार्टमेंट द्वारा मांगी गई सभी जानकारियों दी जा रही है। पहल के बाद अगर कोई निर्णय भी लिया जाए तो सुधार की उम्मीद है।

- प्रो। वीके जैन, वाइस चांसलर,

उत्तराखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी।

लेटर के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इससे यूनिवर्सिटीज की जो प्रॉब्लम्स हैं, उन्हें बताने का एक बेहतरीन मौका मिला है। उम्मीद है कि समस्याओं को लेकर अहम फैसले भी कॉन्फ्रेंस के दौरान लिए जाएंगे।

- प्रो। एचएस धामी, वाइस चांसलर, कुमाऊं यूनिवर्सिटी

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इन प्वॉइंट्स पर मांगी गई जानकारी

- यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स की संख्या और हालात

- यूनिवर्सिटी के लास्ट ईयर रिजल्ट्स पर टिप्पणी

- मौजूदा फैसिलिटीज और संसाधनों की डीटेल्स

- टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ की मौजूदा संख्या और जरूरत

- यूनिवर्सिटीज की वीकनेस और स्पेशलिटी क्या है

- यूनिवर्सिटी की लास्ट फाइव इयर्स की अचीवमेंट्स

- यूनिवर्सिटीज का नेक्स्ट ईयर प्लान, संभावनाएं और मोटिव

- स्टेट में हायर एजूकेशन के क्षेत्र में डेवलपमेंट का सुझाव

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टीचर्स की कमी पूरी होने की उम्मीद

हायर एजूकेशन पर गौर करें तो स्टेट में करीब 70 डिग्री कॉलेजेज और क्भ् एडमिड कॉलेजेज हैं। इसके अलावा उत्तराखंड संस्कृत यूनिवर्सिटी, ओपन यूनिवर्सिटी, कुमाऊं यूनिवर्सिटी, आयुर्वेद युनिवर्सिटी, मेडिकल यूनिवर्सिटी जैसी करीब आधा दर्जन से ज्यादा गवर्नमेंट यूनिवसिटीज हैं, जहां टीचर्स संख्या बेहद कम है। ऐसे में दिए गए ब्यौरे में टीचर्स की कमी और जरूरत पूछे जाने को यूनिवर्सिटीज एक उम्मीद की तरह ले रही हैं। कॉन्फ्रेंस में टीचर्स की नियुक्ति और सुविधाओं को लेकर अगर कोई बेहतर निर्णय लिए गए तो जल्द ही यूनिवर्सिटीज की सबसे बड़ी प्रॉब्लम कहे जाने वाली कम टीचर्स की समस्या खत्म हो सकती है।