DEHRADUN:

प्रदेश में उच्च शिक्षा के हालात सुधारने के लिए राज्य सरकार ने नए सिरे से बेसिक चीजों पर काम करना शुरू कर दिया है। जिसके लिए सरकार ने राजकीय शिक्षा परिषद का गठन कर डिग्री कॉलेजों में बेहतर सिस्टम डेवलप करने की बात की है। राजकीय शिक्षा परिषद में उच्च शिक्षा मंत्री, मुख्य सचिव के अलावा यूनिवर्सिटीज के सदस्य भी शामिल किए गए हैं।

 

उच्चशिक्षा मंत्री की अध्यक्षता में परिषद का गठन

सूबे में डिग्री कॉलेजों को सुधारने के लिए सरकार ने कमर कस ली है। डिग्री कॉलेजों के इन्फ्रास्ट्रक्चर पर फोकस करने के अलावा मूलभूत चीजों पर काम करने और सुझावों के लिए राजकीय शिक्षा परिषद का गठन किया गया है। जिसके अध्यक्ष उच्च शिक्षा मंत्री होंगे। जबकि उपाध्यक्ष चीफ सेके्रटरी होंगे। परिषद में एडिशनल चीफ सेके्रटरी के अलावा उच्च शिक्षण संस्थाओं के प्रोफेसर, कुछ इंडस्ट्री से जुडे़ लोग शामिल किए गए हैं। श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी के वीसी डा। यूएस रावत और ओपन यूनिवर्सिटी से डा। नागेश्वर को भी राजकीय शिक्षा परिषद में नामित किया गया है। श्री देव सुमन यूनिवर्सिटी के वीसी डा। यूएस रावत ने कहा कि प्रदेश में डिग्री कॉलेजों के हालात सुधारने के लिए पुराने डिग्री कॉलेजों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में नए डिग्री कॉलेज खोलने से बेहतर होगा कि पुरानों के हालात सुधारें। डा। यूएस रावत ने कहा कि डिग्री कॉलेजों में सबसे बड़ा इश्यू फैकल्टी का है। पहाड़ों में कई विषयों की फैकल्टी नहीं है। ऐसे में सबसे पहले फैकल्टी मुहैया कराना परिषद का काम होगा। इसके साथ ही डिग्री कॉलेजों के कैंपस को भी हाइटेक बनाने के अलावा लाइबे्ररी और डिग्री कॉलेजों में रिसर्च प्रमोशन की आवश्यकता है। जिससे उच्च शिक्षा के हालात बेहतर किए जा सकते हैं।

 

 

प्रदेश में डिग्री कॉलेजों के हालात सुधारने के लिए पुराने डिग्री कॉलेजों के इन्फ्रास्ट्रक्चर को डेवलप करना होगा।

प्रदेश में नए डिग्री कॉलेज खोलने से बेहतर होगा कि पुरानों के हालात सुधारें.

डिग्री कॉलेजों में सबसे बड़ा इश्यू फैकल्टी का है। पहाड़ों में कई विषयों की फैकल्टी नहीं है.

सबसे पहले फैकल्टी मुहैया कराना परिषद का काम होगा।

डिग्री कॉलेजों के कैंपस को भी हाइटेक बनाने के अलावा लाइबे्ररी और डिग्री कॉलेजों में रिसर्च प्रमोशन की आवश्यकता है।