AGRA: गिरे हुए स्टोन। चूना छोड़ रही दरारें। जगह-जगह टूट-फूट, अस्तित्व खोती विरासत की गवाही दे रहे हैं। इतिहास के जानकारों के अनुसार बल्केश्वर एरिया में जफर खां की याद में एक टॉम्ब का निर्माण मुगलकाल में कराया गया था। समय के बीते के साथ ही साथ मुगलकालीन टॉम्ब धीरे-धीरे अपने वजूद को खोता चला गया। जीर्ण-शीर्ण पड़े इस संरक्षित मॉन्युमेंट के मुगलकालीन सौन्दर्य और शान को वापस लौटाने के लिए संरक्षण कार्य शुरू कर दिया गया है। लेकिन, धरोहर का वजूद बरकरार बना रहे इसके लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग (एएसआई) की ओर से संरक्षण कार्य शुरू कराया गया है। जिसके चलते आने वाले समय में संरक्षित मान्युमेंट अपने खोए हुए स्वरूप में वापस लौट सके। इसके लिए सुबह से लेकर शाम तक निरंतर युद्घ स्तर पर कार्य चल रहा है।

राजस्थान से मंगवाए गए भारी-भारी रेड स्टोन

मॉन्युमेंट को दोबारा से पुराने रंग-रूप में लाने के लिए रेड स्टोन का प्रयोग किया जा रहा है। इसके लिए राजस्थान के रेड स्टोन के सप्लायर रामेश्वर दयाल से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग द्वारा थोक के हिसाब से रेड स्टोन मंगवाया गया। रामेश्वर दयाल ने बताया कि वर्षो से उपेक्षित पड़े रहे इस मॉन्युमेंट में बहुत भारी-भारी पत्थर लगे हुए थे। उसी तरह के आकार-प्रकार के स्टोन के लिए राजस्थान से भारी-भरकम रेड स्टोन की खेप मंगवाई जा रही है। मॉन्युमेंट के संरक्षण के लिए जो रेड स्टोन मंगवाए गए हैं, उनमें से एक-एक रेड स्टोन का वजन तीस से लेकर साठ कुंतल के करीब है।

कारीगर कर रहे हैं नक्काशी

रेड स्टोन के भारी-भारी टुकड़ों में से जरूरत के हिसाब से टुकड़े तैयार किए जा रहे हैं। इसके बाद इनके ऊपर नक्काशी कर फूल-पत्तियां, कलश आदि की डिजाइन तैयार करने का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए डिपार्टमेंट की ओर से कुशल कारीगरों को लगाया गया है। मॉन्युमेंट के संरक्षण कार्य में प्रतिदिन तकरीबन तीस-चालीस लोग कार्य कर रहे हैं।

सुरक्षा के लिए तैयार होगी मान्युमेंट की चारदीवारी

अभी तक यह संरक्षित मॉन्युमेंट उजाड़ सरीखी हालत में पड़ा हुआ था। इसकी कोई चारदीवारी भी नहीं थी। लिहाजा, रात के अंधेरे में इसमें घुसकर लोग नशेखोरी, जुएबाजी में संलिप्त तक हो जाते थे। लेकिन, नए रूप में लाने के साथ ही साथ मॉन्युमेंट की चारदीवारी भी तैयार की जा रही है। इसके लिए मॉन्युमेंट की सीमा के हिसाब से ही नींव खुदाई का कार्य भी साथ की साथ किया जा रहा है। अधीक्षण पुरातत्वविद् डॉ। भुवन विक्रम के अनुसार मान्युमेंट को पुराने स्वरूप में लाने के बाद यह बहुत ही आकर्षक दिखाई देगी। जिससे यह देश-विदेश से आए सैलानियों को अपनी ओर आर्कषित करने में भी कामयाब हो सकेगा।