20 प्रतिशल लड़कियों की सीट
सूत्रों के मुताबिक, 'कमेटी की ओर से सुझाव दिया गया है कि संस्थान की कुल सीटों में से 20 फीसदी सीटों को लड़कियों के लिए आरक्षित कर दिया जाए। हालांकि यह तय नहीं है कि आरक्षण महज आठ सालों के लिए लागू होगा या फिर उस समय तक जब तक लड़कियों के प्रवेश का आंकड़ा 20 प्रतिशत तक न पहुंच जाए।' संस्थान की 20 प्रतिशत सीटें उन लड़कियों से भरी जाएंगी जिन्होंने जेईई-एडवांस्ड परीक्षा पास की है। साथ ही उनका नाम बोर्ड एक्जाम में प्रदर्शन के आधार पर प्रमुख 20 विद्यार्थियों में शामिल है।'

अगले साल होगा या इस साल

फिलहाल कमेटी की ओर से जो भी सुझाव दिए गए हैं उन्हें लागू करने से पहले जॉइंट एडमिशन बोर्ड (जेएबी) में भेजा जाएगा। वहां तय होगा कि आरक्षण साल 2018 से लागू होगा या फिर इसी साल से। सीटों की संख्या प्रत्येक आईआईटी की जरुरत और वहां मौजूद सुविधाओं के आधार पर तय की जाएगी।

लड़कों की संख्या पर कितना पड़ेगा असर

इससे यह बात स्पष्ट है कि आईआईटी में अब लड़कियों की संख्या में 20 फीसदी इजाफा होगा। कमेटी ने स्कूल लेवल पर भी कुछ बातें लागू करने के लिए सुझाव दिए हैं। इसका फायदा लंबे समय में देखने को मिलेगा। जेएबी के द्वारा लड़कियों की सहभागिता आईआईटी में बढ़ाने के लिए ही कमेटी का गठन भी किया गया था। प्रोफेसर टी. गॉनसाल्विज के मार्गदर्शन में एक सब-कमेटी का गठन किया गया था। जिसका काम संस्थान की स्थिति पर नजर रखना था। कमेटी ने पाया कि साल 2015 के मुकाबले साल 2016 में जेईई-एडवांस्ड की परीक्षा को पास करने वाली लड़कियों में 2 प्रतिशत की गिरावट थी।सूत्र ने बताया, 'पुरूष प्रतिभागियों की सीट्स पर इस पूरे घटनाक्रम से कोई फर्क नहीं पड़ेगा। साल 2020 तक आईआईटी में प्रवेश करने वालों की संख्या एक लाख करने का लक्ष्य रखा गया है। इसमें वो प्रतिभागी शामिल होंगे जिन्होंने जेईई-एडवांस्ड परीक्षा पास की है।'

National News inextlive from India News Desk

 

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