-कोई भी इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बेचते समय सेटिंग रिसेट करना न भूलें

-साइबर सेल में बढ़ रही नेट बैंकिंग और सोशल अकाउंट्स के पासवर्ड चोरी होने की शिकायतें

आई स्पेशल

Meerut: अगर आप मोबाइल फोन, कंप्यूटर या लैपटॉप को बेचने के लिए सोच रहे हैं तो जरा संभलकर बेचिए, क्योंकि हो सकता है आपकी छोटी सी लापरवाही से आपको बहुत बड़ा नुकसान हो जाए। ऐसा करते वक्त अक्सर लोग रिसेट टू द कंपनी सेटिंग पर क्लिक नहीं करते। नेटवर्क या सोशल नेटवर्किंग अकाउंटस का पासवर्ड चोरी होने के पीछे यह एक बड़ी वजह सामने आई है। हर मोबाइल फोन, लैपटॉप या कंप्यूटर में संबंधित कंपनी की ओर से यह ऑप्शन दिया जाता है, लेकिन इसके इस्तेमाल को जरूरी न समझना भारी पड़ जाता है।

ये है मामला

साइबर सेल अधिकारी के मुताबिक कुछ दिनों पहले रोडवेज कर्मचारी महिला सुमन के खाते से 50 हजार रूपए उड़ा दिए गए। बाद में मामला सामने आया कि उसने कुछ दिन पहले अनजान युवक को अपना लैपटॉप बेचा था। जिस पर उसका बहुत सारा डाटा सेव था। सेटिंग न करने के कारण उसकी सभी आईडी वह इंस्ट्यूमेंट खरीदने वाला खोल लेता था। जिसके जरिए उसने पीडि़ता का अकांउट नंबर देखकर हैक कर लिया और खाते से पैसे उड़ा दिए। यह तो एक मामला है। इस रिसेट न करने की चूक से न जाने कितने लोगों को चूना लग चुका है।

पीडि़ता को नहीं पता

उनका कहना है कि उनके मोबाइल के जरिए जालसाज ने पासवर्ड हासिल किया होगा। जिसका अंदाज फिलहाल दंपति को नहीं है। रिसेट टू द कंपनी सेटिंग पर क्लिक किए बिना लोग इन इलेक्ट्रॉनिक सामानों को किसी और के हवाले कर देते हैं। इसमें आपकी वह तमाम जानकारी फीड रह जाती है और भी जानकार व्यक्ति इसे आसानी से हासिल कर सकता है।

बढ़ रहा साइबर क्राइम

-745 शिकायतें हर साल पासवर्ड हैक होने की

-487 शिकायतें इस साल नेटबैंकिंग से संबंधित साइबर क्राइम की।

-क्या है साइबर लॉ

इंटरनेट से संबंधित हर एक्टीविटी साइबर लॉ के दायरे में आती हैं। फिर चाहे नेट का इस्तेमाल मोबाइल फोन से हो या लैपटॉप या कंप्यूटर से। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी के दुरुपयोग से किसी व्यक्ति या समाज को नुकसान पहुंचता है। वह साइबर अपराध माना जाता है। ऐसा करने वालों के खिलाफ आईटी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज किए जाते हैं।

दोस्तों के मोबाइल से न करें लॉगइन

दोस्तों के मोबाइल फोन या कंप्यूटर के जरिए नेट बैंकिंग या सोशल नेटवर्किंग साइट्स का इस्तेमाल करना भी आपको परेशानी में डाल सकता है। हर सोशल नेटवर्किंग साइट पर फीड पासवर्ड ऑप्शन नीचे की लॉगर साइन इन लिखा होता है। इस पर क्लिक किए बिना लॉग इन करने पर आपका पासवर्ड भी उस मोबाइल या कंप्यूटर में फीड हो जाता है। जिसे आसानी से हासिल किया जा सकता है।

सोशल साइट्स पर रहे ख्याल

एक ही पासवर्ड लंबे समय तक इस्तेमाल करना भी आपकी परेशानी बन सकता है। फ्रेंड लिस्ट में उन्हे ही शामिल करें, जिन्हे आप जानते हों, अन्यथा मॉर्फिंग का खतरा बन सकता है। सिक्योरेटी सेटिंग किए बिना पिक्चर अपलोड़ न करें, सायबर मैनर्स का ज्ञान भी रखना चाहिए, ताकि किसी की भी भावना को ठेस न पहुंचे।

इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस को बेचते समय उसे रिसेट जरूर कर देना चाहिए। नहीं तो आपका नुकसान निश्चित है। आजकल जालसाज पासवर्ड चुराकर अकाउंट हैक कर लेते हैं।

कर्मवीर सिंह, साइबर सेल प्रभारी