RANCHI: सालों से स्थायीकरण की बाट जोह रहे राज्य के अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों ने हेल्थ डिपार्टमेंट के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। शनिवार को झारखंड राज्य एनआरएचएम अनुबंधित कर्मचारी संघ के बैनर तले हेल्ड डिपार्टमेंट का रिपोर्ट कार्ड जारी किया गया। संघ के महासचिव श्रीकांत श्रीवास्तव ने कहा कि झारखंड में पूर्ण बहुमत वाली भाजपा सरकार बने सवा दो साल गुजरने को हैं, परंतु अब तक अनुबंध कर्मचारियों को सिर्फ ठगा गया या फिर इस हेल्थ डिपार्टमेंट में विभिन्न पदों पर होने वाली बहाली ही गलत नियमावली की शिकार हो गई। सरकार को केवल चिकित्सकों की बहाली की चिंता है, लेकिन स्वास्थ्य मानकों को ऊंचे पायदान पर पहुंचाने वाले अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मियों की कोई फिक्र नहीं है। इनके लिए राज्य सरकार के पास कोई प्लान नहीं है। आलम यह है कि प्रधान सचिव के विद्या सागर ने मंत्री के अनुमोदन को नहीं माना।

हेमंत सरकार में हुए थे प्रयास

हेमन्त सोरेन की सरकार में स्वास्थ्य मंत्री रहे राजेन्द्र प्रसाद सिंह के प्रयासों के बाद तत्कालीन प्रधान सचिव बी के त्रिपाठी के कार्यकाल मे झारखंड के विभिन्न परियोजनाओं में काम कर रहे अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने का प्रयास करते हुए तीन संचिकाएं बनाई गई, जिस पर परियोजना के विभिन्न पदों का सृजन करते हुए सभी अनुबंध कर्मचारियों को नियमित करने की बात कही गई थी, परंतु चुनाव आचार संहिता और कार्मिक विभाग द्वारा लगाए गए अड़ंगों के बाद प्रधान सचिव के विद्यासागर ने नकारात्मक रूप अख्तियार कर लिया।

वर्तमान मंत्री ने भी छला

स्वास्थ्य कर्मियों का आरोप है कि वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी ने भी धनबाद और बोकारो परिसदन मे स्वास्थ्य अनुबंध कर्मचारियों के नियमित करने संबंधी झूठा बयान दे दिया। कर्मियों ने जब इस बात की तहकीकात कराई तो पता चला कि परीक्षा के थ्रू कर्मी परमानेंट होंगे। इसमें उन्हें पांच प्रतिशत का वेटेज दिया जाएगा। इससे स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मचारियों में रोष है।

सरकार के साथ विभाग का नजरिया बदला

स्वास्थ्य विभाग ख्0क्ब् में अपने विभाग में कार्य कर रहे क्ब्ब्0 लोगों को नियमित कर चुका है। उस समय कार्मिक विभाग को इस पर कोई आपत्ति नही थी, परंतु जैसे ही सरकार बदली और दूसरी सरकार आई तो कार्मिक विभाग का नजरिया बदल गया।

हाईकोर्ट में है मामला

पांच साल तक लगातार सेवा दे चुके पारा मेडिकल कर्मचारियों की तर्ज पर राज्य के एनआरएचएम कर्मचारियों को भी नियमित करने संबंधी दो मामले हाईकोर्ट में लंबित हैं।

क्या कहते हैं अनुबंधित स्वास्थ्य कर्मी

भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के द्वारा उत्तर प्रदेश चुनाव के दौरान सरकार बनने की स्थिति मे वहां के अनुबंध कर्मियों को नियमित करने की बात कही गई थी। अब झारखंड मे भाजपा की सरकार होने के बावजुद झारखंड सरकार द्वारा यहां के अनुबंध कर्मचारियों को छलना जारी है। हालांकि भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रविन्द्र राय ने पत्र लिख कर राज्य के स्वास्थ्य कर्मियों को की तर्ज पर नियमित करने का अनुरोध किया था परंतु सीएम के अडि़यल रवैये के कारण वषरें से विभाग मे काम कर रहे अनुबंध कर्मियों को लिखित परीक्षा मे झोंकने पर आमादा है।

-श्रीकांत श्रीवास्तव, महासचिव, एनआरएचएम कर्मचारी संघ

अटूट सेवा दे रहे कर्मचारियों को परमानेंट बहाली का अधिकार है। अगर आप कर्मचारियों के साथ दोहरा व्यवहार करेंगे तो वह काम कैसे करेगा।

-विजय कुमार, एनआरएचएम अनुबंध कर्मचारी संघ

राज्य मे कार्यरत लगभग 7000 स्वास्थ्य कर्मचारियों का मानना है कि सरकार ने जिस तरह वषरें से हमसे लगातार सेवा ली है इसके लिए मिशन मोड मे अभियान चला कर सरकार उन्हें नियमित करे।

-राघव कुमार, एड्स नियंत्रण स्वास्थ्य कर्मचारी संघ