- एमएलए प्रमोद कुमार ने पीएम व सीएम को लिखा पत्र

-तस्करी का बिहार की चावल इंडस्ट्री पर बड़ा असर

PATNA: बिहार का धान नेपाल जा रहा है और फिर वहां से चावल तैयार कर चीन भेजा रहा है। बदले में चीन निर्मित सामान भारत आ रहा है। इसमें बड़ी संख्या में तस्कर लगे हुए हैं। ये खुलासा किया है एमएलए प्रमोद कुमार ने। इस आशय का पत्र उन्होंने पीएम को लिखा है, जिसमें कहा है कि नेपाल और उत्तरप्रदेश की सीमा से गैर बासमती धान का निर्यात अवैध रूप से किया जा रहा है। इस पत्र की कॉपी उन्होंने बिहार के सीएम, चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को भी भेजी है। पत्र के साथ बीजेपी नेता रामेश्वर प्रसाद गुप्ता का वह पत्र भी लगाया है, जिसे गुप्ता ने सेन्ट्रल एग्रिकल्चर मिनिस्टर को क्ख् अगस्त को लिखा था।

रक्सौल सीमा के कस्टमर्स अफेक्टेड

पत्र में कहा गया है कि पूर्वी चंपारण की सीमा के माध्यम से धान प्रतिदिन लगभग क्00-क्भ्0 ट्रक अवैध रूप से रक्सौल सीमा के कस्टमर्स को प्रभावित कर इससे जुड़े हुए लोग निर्यात कर रहे हैं। इसके लिए कुछ कागजात तैयार कराकर धान को बीज के नाम पर निर्यात कर रहे हैं। अवैध रूप से धान नेपाल जा रहा है और फिर नेपाल से चावल तैयार कर सीधे चीन जा रहा है।

क्900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से तस्करी

उन्होंने कहा है कि राज्य सरकार के द्वारा सहकारी सहयोग समिति के माध्यम से क्फ्म्0 रुपए प्रति क्विंटल की दर से किसान से खरीदना है, जबकि पूर्वी चंपारण जिले सहित राज्य चावल उद्योग से जुडे़ हुए मिल मालिक क्ब्00 से लेकर क्भ्00 रुपए प्रति क्विंटल खरीद रहे हैं। इसी धान को क्900 रुपए प्रति क्विंटल की दर से तस्करी के माध्यम से नेपाल भेजा जा रहा है। इसके बाद नेपाल के रास्ते चावल तैयार कर चीन जा रहा है। पुन: चीन से इतने चावल के बदले दूसरा चीन निर्मित सामग्री इन्ही तस्करों के माध्यम से भारत के सीमावर्ती क्षेत्रों में आर रहा है। इससे राज्य का विकास दर घट रहा है।

सरकारी अनुदान पर बैंक ऋण

उन्होंने कहा है कि भारत सरकार के मेक इन इंडिया और राज्य सरकार के कृषि रोड मैप पर सीधे प्रहार कर भारत की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करने की विदेशी ताकत की सोची-समझी साजिश ये तस्कर रहे हैं। सरकार के अफसर इन्हें प्रोत्साहित कर रहे हैं। इस कारण पूर्वी चंपारण जिले सहित सूबे के सैकड़ों चावल इंडस्ट्री जो राज्य व केन्द्र सरकार के अनुदान पर बैंक ऋण लेकर लगे हैं वे सभी परेशानी झेल रहे हैं।