-वर्ष 2011 की जनगणना के अमीर छह साल में हो गए गरीब

-प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन की जांच में हुआ खुलासा

-अधिकारियों ने माना जनगणना के दौरान डाटा में हुई गड़बड़ी

---हाफ कॉलम---

- सीडीओ के निर्देश पर ऐसे असहायों को चिह्नित करने के दिए गए निर्देश, शासन के जवाब का इंतजार

BAREILLY:

वर्ष 2011 की जनगणना के अमीर, जो छह वर्षो में गरीब हो गए उन्हें भी प्रधानमंत्री जन आवास योजना का लाभ मिल सकेगा। इस बात के संकेत सीडीओ सत्येंद्र कुमार ने दिए हैं। उनका कहना कि फिजिकल रिपोर्ट में 16 आवेदक गरीब पाये गये हैं। ये पहले से ही गरीब हैं। शायद टेक्निकल एरर की वजह से इनका नाम अमीरों की सूची में शामिल हो गया था। पात्र आवेदकों के हित में अधिकारियों ने यह निर्णय दैनिक जागरण आईनेक्स्ट की खबर के सुर्खियां बनने के बाद लिया, जिसमें कानूनी दांव पेंच में गरीबों का हक छीने जाने की बात को मुद्दा बनाया गया था।

जनगणना में छूटे परिवार

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने 27 मई को प्रधानमंत्री आवास के लिए पात्र होने के बाद भी वर्ष 2011 की सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना में शामिल न हो पाने की वजह से ऐसे लोगों को आवास के लिए अपात्र घोषित कर दिया गया। क्योंकि शासनादेश में सिर्फ जनगणना में शामिल लोगों को ही लाभ देने के निर्देश थे। मामले का खुलासा विभाग पहुंची 17 शिकायतकर्ताओं की जांच से हुआ। भुता बीडीओ ने निरीक्षण रिपोर्ट में 1 अपात्र व अन्य 16 को पात्र बताया था। रिपोर्ट के आधार पर दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने महज जनगणना में शामिल न किए जाने से लाभ से वंचित हो रहे पात्रों को लाभान्वित किए जाने का सवाल उठाया था।

प्रदेश भर में भी हो सकते हैं पीडि़त

महज गाइडलाइंस के आधार पर असहायों को लाभान्वित नहीं किया जाना गंभीर मसला है। जबकि शासन की मंशा है कि हर असहाय को प्रधानमंत्री आवास से लाभान्वित किया जाए। जिसमें जनगणना रोड़ा बन रही है। ऐसे में गाइडलाइंस में शामिल और उस दौरान के छूटे असहायों का सर्वे कराकर उन्हें शामिल किए जाने का निर्णय विभाग ने लिया है। उन्होंने उस समय के डाटा की फीडिंग में टेक्निकल एरर को दोषी माना है। शासन को लिखे गए पत्र में सीडीओ ने सूबे के अन्य जिलों में ऐसे लोगों को ढ़ूंढकर उन्हें लाभान्वित करने का अनुरोध किया है। बताया कि चिह्नित होने वालों को सेकंड फेज के बाद लाभ मिलने की बात कही है।

संभव है कि वर्ष 2011 की सामाजिक एवं आर्थिक जनगणना में कई असहाय टेक्निकल एरर की वजह से अमीरों की लिस्ट में जुड़ गए हों। ऐसे लोगों को चिह्नित करने के निर्देश दे दिए गए हैं। शासन का निर्णय अनंतिम होगा।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ