सीनेट ने वॉयस वोट से किया समर्थन

अमेरिकी सीनेट ने कुछ दिनों पहले राहुल वर्मा के भारत में अमेरिकी राजदूत बनने के मुद्दे पर अपनी मुहर लगा दी थी. गौरतलब है कि सीनेट ने इस प्रस्ताव को वॉयस वोट से अपनी सहमति दी थी. इसके बाद से वर्मा को भारत में अमेरिकी राजदूत पद की शपथ दिलाने की तैयारियां शुरू हो गईं थीं. गौरतलब है कि

इस पद की शपथ लेते ही राहुल वर्मा भारत में भारतीय मूल के पहले अमेरिकी राजदूत बन गए हैं.

कैरी से पहले भारत पहूंचेंगे वर्मा

भारत में नए अमेरिकी राजदूत राहुल वर्मा अगले महीने अमेरिकी रक्षामंत्री जॉन कैरी की भारत यात्रा के बाद भारत पहुंच जाएंगे. उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा भारतीय गणतंत्र दिवस परेड का हिस्सा लेने भारत आ रहे हैं. गौरतलब है कि राहुल वर्मा ने पिछले हफ्ते ही अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मुलाकात की है.  पॉवेल के बाद से खाली थी पोजिशन

इंडिया में अमेरिकन राजदूत नेंसी पॉवेल के इस्तीफे के बाद से इंडिया में अमेरिकन राजदूत का पद खाली पड़ा हुआ था. गौरतलब है कि नेंसी पॉवेल ने मई 2014 में नरेंद्र मोदी की सरकार बनने के बाद इस्तीफा दे दिया था. गौरतलब है कि नेंसी पॉवेल के दौर में देवयानी खोबरागड़े के मामले ने तूल पकड़ लिया था.सीनियर लॉ कमिश्नर थे रिचर्ड वर्मा

इंडिया में अमेरिकी राजदूत जैसे अहम पद के लिए चुने जाने से पहले रिचर्ड राहुल वर्मा एक अमेरिकी लॉ फर्म में सीनियर काउंसलर के रूप में काम कर रहे थे. गौरतलब है कि इस फर्म की चेयरपर्सन पूर्व अमेरिकरन विदेशमंत्री मेडलीन अलब्राइट हैं. इसके साथ ही वर्मा ने भारत और अमेरिका के बीच परमाणु समझौते में एक अहम रोल अदा किया था.

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