ऐसा हुआ रिक्शेवाले के साथ
गुरुवार को मणिराम कालीदास मार्ग के पास बैठा सवारी का इंतजार कर रहा था। इतने में दूर से किसी ने उसको आवाज दी। उस समय उसको पता नहीं था कि वह सवारी कौन है। खुद मणिराम का कहना है कि उसने सोचा कि उन्हें मुख्यमंत्री आवास के बाहर उतार देगा। वहां पहुंचकर सवारी ने उससे कहा कि बंगले के अंदर ले चलो। वह रिक्शा लेकर अंदर गया। यहां उसने सबसे पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को देखा। उसके बाद मालूम पड़ा कि उसके रिक्शे पर बैठी सवारी कौन थी। वह थे paytm के सीईओ विजय शेखर शर्मा।

ऐसी बनी वजह
वही विजय शेखर शर्मा, जिनको कुछ देर पहले ही यश भारती सम्मान मिला था। दरअसल विजय शेखर सीएम से मिलने के लिए उनके आवास पर पहुंच रहे थे। रास्ते में उनकी गाड़ी जबरदस्त जाम में फंस गई। अब उनको समय पर सीएम के पास पहुंचना भी था। ऐसे में उन्होंने सोचा कि क्यों न रिक्शा पकड़कर समय से पहुंच जाएं। रायबरेली में तिलोई के रहने वाले मणिराम जब सीएम आवास पर पहुंचे तो उससे काफी पूछताछ की गई।

ऐसे बदली किस्मत
उसने बताया कि उसके बारे में वहां सबकुछ पूछा गया। उसका घर, परिवार, बच्चे और कमाई के बारे में सबकुछ। दो घंटे इतनी पूछताछ के बाद जब वह आवास से बाहर निकला तो उसकी किस्मत बदल चुकी थी। उसको वहां से 6 हजार रुपये नकद, एक नया रिक्शा, उसकी पत्नी के लिए समाजवादी पेंशन, एक ई-रिक्शा और लखनऊ में रहने के लिए एक क्वार्टर भी मिल गया।   

सीएम ने किया जिक्र
सीएम अखिलेश यादव ने इस पूरी घटना का जिक्र अपने ट्विटर अकाउंट पर फोटो के साथ किया। फोटो के साथ ट्विटर पर उन्होंने ये भी लिखा कि ट्रैफिक जाम की वजह से paytm के सीईओ को रिक्शे से आवास तक आना पड़ा। लखनऊ मेट्रो के शुरू होने के बाद ये समस्या पूरी तरह से खत्म हो जाएगी।


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