RANCHI: रिम्स में एनेस्थीसिया टेक्निशियन की स्टूडेंट सुलेखा कुमारी (ख्ब्) ने शुक्रवार की सुबह जोड़ा तालाब के समीप स्थित अपने किराए के कमरे में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। उसने पंखे से दुपट्टे के सहारे फांसी लगाई। शुक्रवार को ही सेंट माग्र्रेट में बीएड में एडमिशन के लिए उसका इंटरव्यू होना था। इसके लिए उसे रिम्स में जमा मूल शैक्षणिक प्रमाण पत्र की जरूरत थी। काफी प्रयास के बाद भी सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण वह तनाव में थी। तमाड़ थाना क्षेत्र के जोजोडीह निवासी पिता इराधन महतो ने आरोप लगाया है कि रिम्स से सर्टिफिकेट नहीं मिलने के कारण ही उनकी बेटी ने सुसाइड कर ली। शुक्रवार की दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया।

पिता नर्सिग सहायक, मां सुपरवाइजर

मृतका सुलेखा के पिता तमाड़ में ही एक अस्पताल में नर्सिग सहायक हैं, जबकि मां वहीं सुपरवाइजर हैं। पिता इराधन महतो के अनुसार, सुलेखा ने रांची के जेल मोड़ स्थित रेसिडेंशियल हाइस्कूल से मैट्रिक की पढ़ाई की थी। इसके बाद सेंट जेवियर्स स्कूल, बुंडू से इंटर और पीपीके कॉलेज, बुंडू से ग्रेजुएशन करने के बाद वर्ष ख्0क्ब् में रांची आ गई थी। रांची में रिम्स के नर्सिग कॉलेज में एनेस्थीसिया टेक्निशियन की पढ़ाई कर रही थी।

छोटी बहन के साथ रहती थी सुलेखा

सुलेखा के साथ रांची में छोटी बहन प्रियंका भी रहती थी। दोनों जोड़ा तालाब गली नंबर एक के सहजानंद नगर में किराए के मकान में रह रही थीं। पढ़ाई के दौरान रिम्स के ओटी में ड्यूटी के दौरान सुलेखा को कई बार चक्कर आ गया था, जिसके बाद से उसने कॉलेज जाना छोड़ दिया था। इसके बाद उसने शिक्षक बनने की तैयारी शुरू कर दी थी।

ब् बहनों में सबसे बड़ी थी सुलेखा

सुलेखा चार बहनों में सबसे बड़ी थी। छोटी बहन प्रियंका भी नर्सिग कॉलेज से लैब टेक्निशियन का कोर्स कर रही है। तीसरे नंबर पर अंजू कुमारी है, जो सेंट मार्गे्रट स्कूल में पढ़ती है, वहीं छोटी बहन इशिका महतो बुंडू में ही पढ़ती है।

एफएमटी में जुटी सहेलियों की भीड़

पोस्टमार्टम के दौरान एफएमटी विभाग में सुलेखा की सहेलियां व उसकी क्लास के अन्य साथी पहुंच गए थे। सभी इस घटना के बाद से ही आहत थे। उन्होंने कहा कि उन्हें कभी नहीं लगा कि सुलेखा ऐसा कर लेगी। उसे बीएड करने का शौक था, लेकिन रिम्स में सर्टिफिकेट फंसा होने के कारण तनाव में थी।

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बीएड का एंट्रेंस एग्जाम कर गई थी पास

ख्ब् अप्रैल को ही उसने बीएड में दाखिले के लिए परीक्षा दी थी, जिसमें पास हो गई थी। शुक्रवार को सेंट माग‌र्े्रट में उसका साक्षात्कार था। इसके लिए उसे रिम्स में जमा मूल प्रमाण पत्र की जरूरत थी। काफी प्रयास किया, लेकिन प्रमाण पत्र नहीं मिला था। इसके बाद से ही वह तनाव में रह रही थी। उसके प्रमाण पत्र को निकालने के लिए ही उसका फुफेरा भाई परमेश्वर महतो रांची आया था। सुबह वह इसी सिलसिले में बाहर निकला था और प्रियंका अपनी ड्यूटी पर निकली थी। करीब नौ से साढ़े नौ बजे सुबह के बीच जब वह कमरे में पहुंचा, तो दरवाजा भीतर से बंद पाया। काफी खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खुला तो मकान मालिक व पुलिस को इसकी सूचना दी। मकान मालिक की मौजूदगी में ही दरवाजे की कुंडी तोड़ी गई तो देखा कि सुलेखा कमरे में पंखे से दुपट्टे के सहारे फांसी लगा चुकी थी। आनन-फानन में सभी उसे लेकर रिम्स पहुंचे, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पिता ने बेटी को पढ़ाने की कर ली थी तैयारी

पिता इराधन महतो ने कहा कि सुलेखा को बीएड कराने के लिए उन्होंने भी तैयारी पूरी कर ली थी। उसके लिए उन्होंने 70 हजार रुपए भी जुटा लिए थे, लेकिन उन्हें यह कभी नहीं लगा कि उनकी बेटी खुदकुशी कर लेगी। सुबह क्क् बजे रिम्स से सूचना मिली। इसके बाद रांची आए, तो उन्हें घटना के बारे में जानकारी हुई।