राजधानी में ट्रैफिक का बोझ कम करने की कवायद, केंद्र देगा पैसा

-राज्य सरकार जल्द शुरू करने वाली है सर्वे

-प्रदेश के तीन शहरों में है रिंग रोड बनाने का प्रस्ताव

-राजधानी देहरादून है सबसे पहली प्राथमिकता में

-राजधानी में 4 प्रमुख स्टेशन से गुजरता है बाहर का ट्रैफिक।

--आईएसबीटी, प्रेमनगर, मसूरी बाईपास, डोईवाला।

--देहरादून में रोजाना 50 हजार गाडि़यां 1 जंक्शन पर आती हैं।

--शहर से रोज करीब 7 लाख वाहन गुजरते हैं।

--शहर में 3 फ्लाईओवर बनने से कम हुआ ट्रैफिक का दबाव, 3 अभी निर्माणाधीन।

DEHRADUN:

राज्य सरकार ने राजधानी के ट्रैफिक के बोझ को कम करने के लिए रिंग रोड बनाने के प्रस्ताव को लेकर होमवर्क करना शुरू कर दिया है। राज्य सरकार रिंग रोड बनाने को लेकर जल्द ही राजधानी में सर्वे कराएगी। आपको बताते चलें कि गुरुवार को केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने उत्तराखंड के फ् शहरों में रिंग रोड बनाने को लेकर सहमति दी है।

दून, हरिद्वार, हल्द्वानी में बनेगी रिंग रोड

राजधानी में बढ़ते ट्रैफिक के दबाव को कम करने के लिए अब देहरादून आउटर में रिंग रोड बनाई जाएगी। ये रिंग रोड राजधानी के सभी आउटर इलाकों को जोड़ेगी, जिससे शहर का आधा ट्रैफिक कम होगा। गुरुवार को नई दिल्ली में केन्द्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के बीच हुई मुलाकात में उत्तराखंड के फ् शहरों देहरादून, हरिद्वार, हल्द्वानी में रिंग रोड बनाने के प्रस्ताव पर सहमति बनी। सरकार के प्रवक्ता मदन कौशिक ने बताया कि रिंग रोड बनाने पर आने वाले पूरे खर्चे को केन्द्र सरकार उठाने को तैयार है। केन्द्र सरकार की इस पहल के बाद राज्य सरकार ने रिंग रोड बनाने को लेकर होमवर्क भी शुरू कर दिया है। मदन कौशिक ने बताया कि सरकार जल्द ही किसी प्रतिष्ठित एजेंसी से रिंग रोड बनाने को लेकर सर्वे कराएगी। उन्होंने कहा कि राजधानी देहरादून में रिंग रोड बनाना सरकार की प्राथमिकता में होगा।

रोजाना 7 लाख गाडि़यां शहर से गुजरती हैं

पिछले क्म् सालों में राजधानी में ट्रैफिक का बोझ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। एक्सपर्ट्स की मानें तो राजधानी में रोजाना करीब भ्0 हजार गाडि़यां एक जंक्शन पर आती हैं। जबकि करीब 7 लाख गाडि़यां रोज शहर से गुजरती हैं। लाखों की संख्या में गाडि़यों के शहर में आने-जाने से शहर का ट्रैफिक ही नहीं प्रदूषण पर भी खासा असर पड़ता है। इधर शहर के ट्रैफिक को चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाली दून पुलिस और आरटीओ विभाग की मानें तो राजधानी में रिंग रोड बन जाने से शहर का आधा ट्रैफिक कम हो जाएगा। मसूरी, ऋषिकेश, हरिद्वार से आने-जाने वाले लोगों को शहर के घंटाघर से होकर गुजरना पड़ता है। जिससे शहर में ट्रैफिक का दबाव बढ़ जाता है। रिंग रोड बन जाने से आउटर इलाके से ही ट्रैफिक निकाल दिया जाएगा। वर्तमान में देहरादून आने वाले लोगों को प्रेमनगर, आईएसबीटी, मसूरी बाईपास, डोईवाला स्टेशन से ही शहर के अंदर प्रवेश कराया जाता है। रिंग रोड बन जाने के बाद बाहर से आने-जाने वाले लोगों को इन ब् स्टेशनों से ही बाहर से निकाला जा सकता है। जिससे शहर में ट्रैफिक कम हो जाएगा।

केन्द्र ने हमें राज्य में फ् जगह पर रिंग रोड बनाने को लेकर सहमति दी है। देहरादून को प्राथमिकता में लिया जाएगा। जल्द ही सर्वे कराकर रिंग रोड बनाने का काम सरकार शुरू करेगी।

मदन कौशिक, सरकार के प्रवक्ता

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बाहर से आने वाले लोगों को हर जगह जाने के लिए घंटाघर से ही गुजरना पड़ता है। अगर दून में रिंग रोड बन जाती है तो आधा ट्रैफिक बाहर से ही निकल जाएगा।

धीरेन्द्र गुंज्याल, एसपी ट्रैफिक

रिंग रोड बन जाने से राजधानी में आने वाले ट्रैफिक का दबाव आधा हो जाएगा। साथ ही सिटी का ट्रैफिक भी आसानी से चल पाएगा।

अरविंद पांडे, एआरटीओ, प्रवर्तन