-कई नदियों ने पार किया लाल निशान

-नेपाल ने छोड़ा करीब चार लाख क्यूसेक पानी

-गोरखपुर और आसपास के गांव में हाई अलर्ट

GORAKHPUR: पिछले कुछ दिनों से इस्टर्न एरियाज में हो रही बारिश ने गोरखपुर में रहने वालों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। नेपाल में हुई झमाझम बारिश के बाद वाल्मिकी बैराज से करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी रिलीज किया गया है, जिसकी वजह से पहले ही लाल निशान से ऊपर बह रही नदियां और डराने लग गई हैं। महरागंज में जहां रोहिन के उफान से बंधा टूट गया है, जिससे आसपास के इलाकों में पानी पहुंच गया है। वहीं, कई स्पॉट्स नदी का दबाव बढ़ने से बांध टूटने का खतरा बढ़ गया है।

करीब 4 लाख क्यूसेक डिस्चार्ज

नेपाल में लगातार हो रही बारिश की वजह से वहां बैराज पर प्रेशर बढ़ गया है। इसकी वजह से नेपाल लगातार पानी डिस्चार्ज कर रहा है। 12 अगस्त को सुबह 8 बजे जहां 203300 क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया गया, जबकि 12 अगस्त शाम में 186200 क्यूसेक पानी वाल्मिकी बैराज से डिस्चार्ज किया गया। इसकी वजह से गोरखपुर और आसपास की नदियों का जलस्तर भी बढ़ रहा है, जिससे लोगों का डर बढ़ता जा रहा है। महराजगंज में पानी की वजह से मुश्किलें और ज्यादा बढ़ गई हैं।

जलस्तर में बढ़त जारी

गोरखपुर में लगातार वॉटर लेवल में उतार-चढ़ाव देखने को मिल रहा है। नेपाल ने एक हफ्ता पहले जहां 65 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा था, वहीं 12 अगस्त को करीब चार लाख क्यूसेक पानी डिस्चार्ज किया है। इससे गोरखपुर के आसपास के गांव में पानी की चपेट में आ गए। इसका असर यह रहा कि गोरखपुर और आसपास के पांच स्टेशंस में से चार पर नदियां खतरे डेंजर लेवल के और ऊपर पहुंच गई हैं। अभी भी नदियां खतरे के निशान से ऊपर ही बह रही हैं।

कुछ थमी है पानी की रफ्तार

गोरखपुर के आसपास के पांचों स्टेशंस पर बाढ़ के हालात बनने लगे हैं। एल्गिन ब्रिज पर घाघरा में जो बढ़त जारी थी, वह अब भी बढ़ रही है। त्रिमोहिनीघाट में भी कमो-बेश वही हाल है। तुर्तीपार में घाघरा नदी ने लाल निशान पार कर लिया है, और अब भी वह ऊपर ही बह रही है। यहां का वॉटर लेवल शनिवार को 64.15 था, जो रविवार को 24 घंटे में बढ़कर 64.2 पर पहुंच गया है। यहां डेंजर लेवल 64.0 मीटर है। वहीं त्रिमोहिनीघाट पर शनिवार को वॉटर लेवल 83.46 था, जो रविवार को 83.5 हो गया। इसी तरह दूसरी नदियों में भी बढ़त का सिलसिला जारी है।

नदी जगह डेंजर लेवल 12 अगस्त 13 अगस्त

घाघरा एल्गिन ब्रिज 106.0 मीटर 106.70 मीटर 106.75 मीटर

घाघरा तुर्तीपार 064.2 मीटर 64.15 मीटर 64.2 मीटर

राप्ती बर्डघाट 074.9 मीटर 074.04 मीटर 74.2 मीटर

रोहिन त्रिमोहिनीघाट 082.4 मीटर 82.46 मीटर 83.5 मीटर

इन गांव में ज्यादा खतरा

धस्की, करपइया, कतरारी, करजही, नावापार, अइमा, भरवलिया, गरयाकोल, चिउटहां, बसावनपुर, रूदाइन उर्फ मझगावां, सोनाई बुजुर्ग, असवनपार, पूरे, सहुआकोल, बेलकुर, रकहट, रामपुर, सोहगौरा, टीकर, बारीगांव, कैथवलिया, घिसड़ी

नेपाल ने पानी छोड़ा है, जिससे राप्ती नदी का जलस्तर बढ़ने की प्रबल संभावना है। इससे राप्ती और आमी नदी के आसपास गांव में बाढ़ का खतरा बढ़ गया है। इसलिए सभी लोगों को बाढ़ राहत शिविर या किसी सुरक्षित स्थान पर चले जाएं, जिससे कि कम से कम परेशानी हो।

- अमरेंद्र वर्मा, एसडीएम