-कई गंभीर आरोप लगाए थे आरजेडी ने आरोप-पत्र में

-अब आरजेडी समर्थन कर रही है नीतीश सरकार का

PATNA: जिस समय नीतीश कुमार बिहार सरकार का रिपोर्ट कार्ड जारी कर रहे थे, उस समय आरजेडी जज सहित बाकी जनता की गाड़ी रोक रही थी। जज साहेब ने मामले पर संज्ञान ले लिया। जनता कब संज्ञान लेगी पता नहीं। लालू प्रसाद ने कहा ऐसा बंद नहीं देखा। नीतीश कुमार और लालू प्रसाद अपने-अपने कारण बता कर जिस तरह से गले मिल रहे हैं या जहर पीने को तैयार या चंदन बन रहे हैं, उससे अजीब भ्रम जैसी स्थिति भी बन रही है। इन सबों के बीच ये जानना ज्यादा दिलचस्प है कि सात साल होने पर आरजेडी ने अपने आरोप पत्र में नीतीश सरकार के बारे में क्या-क्या लिखा था-

- हिटलर के प्रमुख सलाहकार जोसेफ गोयवेल्स द्वारा प्रतिपादित साईको-इनसेथेसीया के सिद्धांत को अपनाकर बिहार की सत्ता पर काबिज नीतीश सरकार अपने दूसरे कार्यकाल का दूसरा वर्ष 24 नवंबर 2012 को पूरा कर चुका है।

-नीतीश जी मानसिक रूप से भी असंतुलित हो गए हैं और मेंडल डायरिया का शिकार बन गए हैं। संवैधानिक पदों पर बैठे लोगों के खिलाफ भी मर्यादाहीन बयान देने से वे परहेज नहीं करते।

-इदी अमीन ने कहा था कि- 'जो वह सोचता है, जो वह बोलता है, और जो वह करता है, वही शास्वत है, वही सत्य है और वही राष्ट्र प्रेम है जो इससे असहमत हैं, वह राष्ट्रद्रोही है.'' नीतीश जी का सोच भी वही है। वे अपने को बिहार का पर्याय मानने लगे हैं। इन्हें विरोध का स्वर बर्दाश्त नहीं।

-अधिकार यात्रा और अधिकार रैली कर अधिकारों की मांग का नाटक करने वाले मुख्यमंत्री द्वारा एक तानाशाह की तरह अपने अधिकारों के लिए लोकतांत्रिक तरीके से आंदोलन करनेवालों को रौंदा जा रहा है। निहत्थों पर गोलियां चलायी जा रही हैं। लाशें गिरायी जा रही हैं।

-सुशासन बाबू के राज में राजस्व प्राप्ति के लिए शराबखोरी को बढ़ावा दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री शराब प्रोत्साहन नीति के कारण हजारों परिवार उजड़ कगए। हजारों मां की कोखें सूनी हो गयीं। हजारों महिलाएं विधवा हो गयी और हजारों बच्चे अनाथ हो गए।

-निकोलस जार ने रूस में वोदका को सर्व सुलभ करा दिया था। उसकी मान्यता थी कि लोग वोदका के नशे में मस्त रहेंगे और वह रूस में निरंकुश राज करता रहेगा। नीतीश जी भी जार की नीतियों का अनुसरण कर रहे हैं।

- नीतीशजी, हिटलर, इदी, अमीन और जार के आदर्शो पर चलते हुए बिहार में अधिनायकवादी व्यवस्था चाहते हैं।

-अल्पसंख्यक वर्ग पुलिसिया दमन का शिकार हो रहा है, व्यवसायियों से रंगदारी ली जा रही है और उनकी हत्याएं हो रही है, महिलाओं का चिर-हरण हो रहा है। गैंग रेप रोजमर्रा की बात हो रही हैनीतीश राज के सारे विकास के दावे आज कागज के पन्नों पर विज्ञापन तक सिमट चुका है।

- अपहृतों की बरामदगी मात्र क्ब् परसेंट है 8म् परसेंट अपहृतों की हत्या कर दी जाती है।

-नीतीश जी बोलते हैं कि उनके राज-पाट में महिलाएं रात के क्ख् बजे सड़कों पर आईसक्रीम खाती हैं, जबकि वास्तविकता यह है कि दिन के क्ख् बजे पटना के व्यस्ततम आयकर गोलंबर पर छात्राओं का बस रोककर उन्हें निर्वस्त्र करने का प्रयास होता है।

-इसी नीतीश राज में एसी-डीसी बिल घोटाला, बियाडा भूमि घोटाला, बाढ़ राहत घोटाला, डीजल अनुदान, ढैंचा बीज घोटाला, रबी बीज घोटाला, कृषि अनुदान घोटाला, शराब घोटाला, परिवहन घोटाला, कंप्यूटर घोटाला, दवा एवं चिकित्सीय उपकरण खरीदगी घोटाला, पशु दवा घोटाला, दारोगा सिपाही भर्ती घोटाला, इस्टीमेंट घोटाला, शिक्षक भर्ती घोटाला, मध्याह्न भोजन घोटाला, विद्यालय में फर्जी नामांकन कर ड्रेस एवं साइकिल की राशि हड़प घोटाला, खाद घोटाला, गेहूं-धान खरीद घोटाला, बौद्ध स्तूप निर्माण घोटाला, सड़क एवं भवन निर्माण घोटाला, कोख घोटाला, एनआरएचएम घोटाला, प्रसव घोटाला, परीक्षा घोटाला, जलाशय घोटाला एवं भूमि घोटलों सहित अनेक घोटालों के आलावा घोटाले पर घोटाले होते जा रहे हैं।

- चाल चरित्र और चेहरा से हिटलर, मुसोलिनी, जार, इदी-अमीन एवं नरेन्द्र मोदी का अनुसरण करने वाले नीतीश मकुार को आज बिहारी अस्मिता का ख्याल आने लगा है।

- वास्तव में बिहार बदल गया है। गैंगरेप, महिला उत्पीड़न और महिलाओं के साथ छेड़खानी के मामले में बिहार अव्वल नंबर पर आ गया है। अपहरण के मामले में पहले पायदान पर पहुंच गया है। छेड़खानी से परेशान और प्रशासन की बेरुखी के कारण कंचनवाला और रिंकी आत्महत्या करने को विवश होती है।