आई स्पेशल

-फेसबुक, यू-ट्यूब, व्हाट्सअप पर तेजी से चल रहा प्रचार-प्रसार

-चुनाव मैनेजमेंट कंपनियों की मदद से मॉडर्न हुआ प्रचार-प्रसार

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RANCHI (11 March): इस बार रांची नगर निगम का चुनाव धरातल पर कम और सोशल मीडिया पर ज्यादा लड़ा जाएगा। प्रत्याशियों ने फेसबुक, यू-ट्यूब, व्हाट्सअप पर इमेज बिल्डिंग शुरू कर दी है। कई ने अपने वोटर्स तक पहुंच बनाने के लिए बल्क एसएमएस सर्विस भी ली है। इसके लिए रांची में कई कंपनियां भी एक्टिव हो गई हैं, जो चुनाव जीताने का ठेका ले रही हैं। प्रत्याशियों के सपने पूरे करने के लिए कंपनियां भी स्ट्रेटजी के तहत काम कर रही हैं।

पार्षद के लिए 50 हजार में टेंडर

रांची नगर निगम में मेयर, डिप्टी मेयर और वार्ड पार्षद का चुनाव हो रहा है। लेकिन, मेयर, डिप्टी मेयर से ज्यादा प्रचार-प्रसार वार्ड पार्षद के लिए हो रहे हैं। इसके लिए बहुत सारे वार्ड पार्षद के प्रत्याशियों ने चुनाव मैनेजमेंट पर काम करने वाली कंपनियों से मदद ले रही हैं। चुनाव मैनेजमेंट पर काम करने वाली एक कंपनी के पदाधिकारी ने बताया कि रांची नगर निगम के एक पार्षद प्रत्याशी का 50,000 रुपए का बजट है। इससे उन्हें सोशल मीडिया का स्टार बनाया जा रहा है। उनके वार्ड में हर वोटर तक उनके प्लान व मैसेज शेयर किये जा रहे हैं।

कैसे काम कर रही एजेंसी

पीआर का काम करने वाली कंपनी ने बताया कि हमलोग सोशल मीडिया के प्लेटफार्म पर रांची निगम चुनाव में प्रत्याशियों के लिए हर सुविधा उपलब्ध कराते हैं। अपने काम के बारे में बताया कि पहले टारगेट ऑडियंस सेट करते हैं। उसके बाद एज ग्रुप सेट किया जाता है। साथ ही एसएमएस के माध्यम से वार्ड के क्षेत्र में प्रचार किया जाता है। हमलोग प्रत्याशियों के लिए फेसबुक, व्हाटसएप, यू टृयूब, एसएमएस, फोन नंबर से हर डिजिटल प्लेटफ ॉर्म पर उनका अकाउंट बनाकर उनके लोगों तक उनके मैसेज को पहुंचाते हैं।

पार्षद चुनाव में जीपीएस का यूज

वार्ड पार्षद चुनाव में जीपीएस से सोशल मीडिया को ट्रैक कर चुनाव प्रचार किया जा रहा है। सोशल मीडिया मैनेजमेंट कंपनी स्पेक्ट्रम के ओनर राहुल रोशन ने बताया कि किसी भी वार्ड का चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी को उसके वार्ड के एरिया के बारे में जानकारी लेकर जीपीएस से एक या दो किलोमीटर के रेंज को कवर किया जा रहा है। वहां के सभी फेसबुक और व्हाटसएप यूजर को ट्रेक करते हैं। भले ही इनके फ्रेंड लिस्ट में नहीं हैं, लेकिन उनके मैसेज को पहुंचाया जा रहा है। इसमें वोटर को टारगेट किया जा रहा है। यह बहुत कारगर साबित हो रहा है।

कंपनियों के पास सारा डिटेल

चुनाव मैनेजमेंट का काम करने वाली कंपनियों के पास वार्ड में रहने वाले लोगों के नाम, फ ोन नंबर, एड्रेस हर कुछ उपलब्ध है। इस कारण वे स्पेसिफि क इलाके के लोगों तक मैसेज पहुंचा रहे हैं। कंपनी के एक अधिकारी ने बताया कि हम लोग जो मोबाइल कंपनियां हैं, उनके पास से डाटा कलेक्ट करवाते हैं और डेटा को अलग करके जिस इलाके के लोग हैं, उस इलाके के वार्ड पार्षद को देते हैं और उनके लिए काम करते हैं।

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फेसबुक व व्हाट्सअप पर लाइक व कमेंट से तौल रहे ताकत

इधर, फेसबुक, व्हाटसअप पोस्ट पर मिल रहे लाइक और कमेंट से दावेदार अपनी ताकत तौल रहे हैं। रांची नगर निगम के निवर्तमान पार्षद जहां नये-पुराने काम को गिना कर खुद को मजबूत दावेदार बता रहे हैं, वहीं नये उम्मीदवार खुद ऊर्जावान बताकर बदलाव का दावा कर रहे हैं। नगर निगम के 53 वार्ड में नए-पुराने मिलाकर 200 से अधिक दावेदार सक्रिय हैं। कमोबेश सभी दावेदार सोशल मीडिया पर सक्रिय हो गए हैं। वहीं, वार्ड में बदलाव के बाद दावेदारी की होड़ से बाहर हुए निवर्तमान पार्षद पत्‍‌नी और मां के साथ सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं। ऐसे में प्रत्याशी फेसबुक पोस्ट पर तुरंत प्रतिक्रिया दे रहे हैं। इनमें कई ऐसे भी हैं जो कभी सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं रहे, लेकिन इन दिनों यही दिनचर्या हो गई है।